मैं मोदी से विशेष दक्षिणा नहीं मांग सका...भूमि पूजन कराने वाले मुख्य पुजारी PM से क्या चाहते हैं?

लखनऊ. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करने वाले मुख्य पुजारी पंडित गंगाधर पाठक थे। उन्होंने पीएम मोदी से दक्षिणा मांगने को लेकर बड़ी बात कही। पंडित गंगाधर पाठक ने कहा, मैं  भारत के लोगों की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी से दक्षिणा मांगने की अपनी इच्छा को व्यक्त नहीं कर सका। उन्होंने एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए कहा, वह भारत में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध चाहते हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 7, 2020 6:20 AM IST / Updated: Aug 07 2020, 12:04 PM IST
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मैं मोदी से विशेष दक्षिणा नहीं मांग सका...भूमि पूजन कराने वाले मुख्य पुजारी PM से क्या चाहते हैं?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच अगस्त को अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य व दिव्य मंदिर की नींव रखी। भूमि पूजन कराने वाले मुख्य आचार्य पंडित गंगाधर पाठक अपने धाम मथुरा पहुंच चुके हैं। 
 

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जवाब-  बिल्कुल नहीं। मैं खुश हूं। ट्रस्ट ने मुझे जरूरत से ज्यादा दिया है। मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है।
 

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जवाब- हां। ऐसा बहुत कम होता है कि किसी के पास 'यजमान' के रूप में भारत का प्रधानमंत्री हो। फिर वे पहले ऐसे पीएम हैं, जिन्होंने लोकतंत्र की कमान संभालने के बावजूद धार्मिक कर्तव्य निभाने में कोई संकोच नहीं किया। इसने मुझे एक हिंदू के रूप में गर्व महसूस होता है और इसलिए मैं भारत के लोगों की ओर से उनसे एक विशेष दक्षिणा मांगना चाहता था। 
 

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जवाब- मैं उनसे वादा लेना चाहता था कि वे भारत में गोहत्या को रोकने के लिए कुछ महत्वपूर्ण और बड़ा काम करें। मैं उनसे योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा लाए गए कानून की तर्ज पर पूरे देश में गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून लाने के लिए कहना चाहता था। 
 

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जवाब-  मैं अपना अनुरोध रखना चाहता था। लेकिन कुछ ट्रस्ट सदस्यों का विचार था कि मेरा अनुरोध उस अवसर के महत्व को कम कर सकता है जो 500 साल के लंबे संघर्ष और इतने बलिदानों के बाद आया है। 
 

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जवाब- मथुरा और काशी में विवाद ज्ञात हैं। और दो समस्याएं लंबे समय से पेंडेंसी में हैं। यदि राम जन्मभूमि विवाद का हल हो सकता है तो अन्य को भी हल किया जा सकता है। 
 

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जवाब- मैं अभी इस बारे में फैसला नहीं कर सकता। हालांकि कुछ लोग इसके बारे में पहले ही बोल चुके हैं। मैं कह सकता हूं कि समय आने पर मैं इस पर बोलूंगा। 

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जवाब- मुझे लगता है कि मैं बहुत भाग्यशाली रहा हूं। स्वामी ने मुझे इस यादगार अवसर के लिए चुना।  4 अगस्त को रात 10 बजे  मुझे अनुष्ठान करने के लिए कहा गया था। 

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