तीन राज्यों की पुलिस को चकमा देकर कैसे उज्जैन पहुंचा विकास दुबे? एसपी ने बताई पूरी कहानी

भोपाल. गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद भले ही कई राज दफन हो गए हों लेकिन मरने से पहले एमपी पुलिस की पूछताछ में विकास दुबे ने ये जरूर बता दिया था कि वो आखिर उज्जैन कैसे पहुंचा था। दरअसल, कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद से ही विकास पुलिस और एसटीएफ से छुप-छिपाता फिर रहा था। उसकी लोकेशन यूपी के बाद हरियाणा के फरीदाबाद में ट्रैस की गई थी, लेकिन गुरुवार सुबह वो अचानक मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर में पुलिस की पकड़ में आया।  

Asianet News Hindi | Published : Jul 12, 2020 4:06 AM IST
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तीन राज्यों की पुलिस को चकमा देकर कैसे उज्जैन पहुंचा विकास दुबे? एसपी ने बताई पूरी कहानी

कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद भागे विकास दुबे को लेकर सभी के मन में ये सवाल था कि वो आखिर वो महाकाल मंदिर कैसे पहुंचा। अब दुबे के एनकाउंटर के बाद उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह ने शनिवार की रात को इस बात का खुलासा किया है कि वो उज्जैन कैसे पहुंचा।

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यूपी एसटीएफ को सौंपने से पहले कहा जा रहा है कि उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे से घंटों पूछताछ की थी। इसमें उसने उज्जैन पहुंचने तक के रास्ते की जानकारी दी थी। एसपी मनोज कुमार सिंह के मुताबिक, गुरुवार तड़के ही विकास दुबे उज्जैन पहुंचा था। फरीदाबाद में देखे जाने के बाद विकास राजस्थान के अलवर पहुंचा और फिर वहां से बस में बैठकर राजस्थान के झालावाड़ तक गया। 
 

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मीडिया रिपोर्ट्स में उज्जैन के एसपी मनोज दके मुताबिक कहा जा रहा है कि बुधवार रात करीब 9 बजे उसने एक दूसरी बस पकड़ी और उसमें बैठकर गुरुवार तड़के करीब 4 बजे उज्जैन पहुंचा। उज्जैन में वो देवास गेट बस स्टैंड पर उतरा और यहां एक ऑटो में बैठ गया। ऑटो वाले से विकास दुबे ने होटल या धर्मशाला चलने को कहा लेकिन होटल में आधार कार्ड मांगने पर वो वहां से चला गया और ऑटो में ही बैठकर रामघाट पहुंच गया। ऑटो वाले ने उसे यहीं छोड़ दिया था।

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विकास दुबे ने क्षिप्रा नदी में स्नान किया और यहां से सीधा महाकाल मंदिर पहुंचा गया। यहां महाकाल मंदिर में उसने पर्ची कटवाई और भगवान महाकाल के दर्शन किए। यहीं उसको निजी सुरक्षाकर्मियों ने पहचान लिया और इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।

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पूछताछ के दौरान विकास दुबे के पास से एक पर्ची मिली जिसपर कुछ नंबर लिखे थे, जिसकी फिलहाल जांच की जा रही है। विकास ने अपना मोबाइल फोन पहले ही फेंक दिया था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उसने रास्ते में किसी को फोन लगाया भी होगा तो कैसे।
 

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एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि विकास दुबे बेहद शातिर था और इसलिए उसने पूछताछ के दौरान कई बातें बताईं लेकिन उसकी जांच करने और पूछताछ में दिए फैक्ट्स को जब वेरिफाई किया गया तो कुछ भी मैच नहीं हुआ, इससे साफ हो गया कि विकास दुबे झूठ बोल रहा था। 

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एसपी ने स्पष्ट कर दिया कि उज्जैन पहुंचने में किसी के भी द्वारा विकास दुबे की मदद करने या उसे सहयोग देने की बात साबित नहीं हो पाई है।

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