दरअसल, मालेरकोटला पंजाब का एकमात्र मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है, जिनके रिश्ते सिखों के साथ बेहद मजबूत हैं। साल 1947 में बंटवारे के वक्त जब पूरा पंजाब जल रहा था, तब उसकी आंच मालेरकोटला तक नहीं पहुंची थी। यहीं से सिख मुस्लिम सांझा संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर नसीर अख्तर कहते हैं कि स्वर्ण मंदिर में चलने वाले लंगर में हर दिन एक लाख लोग खाना खाते हैं।