दिल्ली में CAA के खिलाफ फिर हिंसा, पेट्रोल पंप पर लगाई आग, प्रदर्शनकारियों की गोली से पुलिसकर्मी की मौत
नई दिल्ली. दिल्ली में नागरिकता कानून के विरोध में रविवार को फिर हिंसा हुई। यहां के जाफराबाद में भजनपुरा और मौजपुर में प्रदर्शनकारियों पथराव किया। साथ ही पेट्रोल पंप और वाहनों में भी आग लगा दी। यहां प्रदर्शनकारियों ने फायरिंग भी की। गोकुलपुरी में तैनात हेड कॉन्सटेबल रतन लाल की मौत हो गई। वहीं अमित शर्मा घायल हैं।
जाफराबाद में रविवार को भी हिंसा हुई थी। सोमवार को यहां नागरिकता कानून के विरोध में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी उतरे थे। यहां नागरिकता कानून के समर्थन में भी कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे। देखते ही देखते दोनों पक्षों में हिंसक झड़प हो गई। पुलिस बल कम होने के चलते यहां हालत बेकाबू हो गए।
सीएए के विरोध में जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास भी प्रदर्शन चल रहा है। वहीं, भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने अपने समर्थकों के साथ मौजपुर में सीएए के समर्थन में प्रदर्शन किया था।
मौजपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाजी हुई। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे। पुलिस की कार्रवाई के बाद हालात काबू में कर लिए गए थे। यहां सीएए के विरोध और समर्थन में नारेबाजी भी हुई थी।
15 दिसंबर से ही विरोध प्रदर्शन हो रहा है शाहीन बाग में 15 दिसंबर से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं। दिल्ली चुनाव में शाहीन बाग का मुद्दा जोरों पर था।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून?नागरिकता संशोधन विधेयक को 10 दिसंबर को लोकसभा ने पारित किया। इसके बाद राज्य सभा में 11 दिसंबर को पारित हुआ। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद 12 दिसंबर को यह विधेयक कानून बन गया।
इस कानून के मुताबिक, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता के लिए संबंधित शख्स 6 साल पहले भारत आया हो। इन देशों के छह धर्म के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता खुला। ये 6 धर्म हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी हैं।