साड़ियों में लटकी थीं 10 लाशें, बंधे थे हाथ पैर, Photos में देखें वह हॉरर हाउस, जहां खुला अस्पताल
नई दिल्ली. दिल्ली के बुराड़ी में जिस घर में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत हुई थी वहां अब डायग्नोस्टिक सेंटर खुल गया है। डायग्नोस्टिक सेंटर के मालिक का कहना है कि वे अंधविश्वास में यकीन नहीं करते हैं। अगर मैं इस तरह की बातों पर विश्वास करता तो यहां नहीं आता। बता दें कि बुराड़ी में सामूहिक आत्महत्या के बाद इस घर को लेकर कई तरह की अफवाहें उड़ी थीं। कुछ लोगों ने कहा था कि इस घर पर बुरी आत्माओं का साया हैं तो कुछ ने इसे हॉरर हाउस नाम दिया था।
Asianet News Hindi | Published : Dec 30, 2019 9:03 AM IST / Updated: Dec 30 2019, 03:52 PM IST
"मुझे अंधविश्वास पर यकीन नहीं" : अस्पताल के मालिक डॉक्टर मोहन सिंह ने कहा, मैं अंधविश्वास पर यकीन नहीं करता। जांच के लिए आने वाले मेरे मरीजों को भी कोई परेशानी नहीं है। सड़क के पास होने के कारण यह घर काफी सुविधाजनक है। मैं अंधविश्वासी नहीं हूं।
डॉक्टर ने करवाया पूजा-पाठ : बुराड़ी के इस घर में प्रवेश से पहले डॉक्टर ने पूजा पाठ कराया। गौरी-गणेश की पूजा की गई। पुजारी ने कहा कि अंधविश्वास पर किसी को भरोसा नहीं करना चाहिए।
1 जुलाई 2018 को मिली थी 11 लोगों की लाश : 1 जुलाई 2018 को घर में 11 लोगों की लाश मिली थी। घर के 10 लोगों ने फांसी लगाई थी और 77 साल की बुजुर्ग महिला का शव बेड पर मिला था।
साड़ियों में लटके मिले थे शव : एक महिला का शव रोशनदान से तो 9 लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी और साड़ियों से लटके मिले थे। एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। 9 लोगों के हाथ-पैर और मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी।
पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में क्या निकला था : 11 शवों का पोस्टमार्टम हुआ था, जिसमें डॉक्टर ने बताया था कि 8 की रिपोर्ट में संघर्ष के कोई निशान नहीं मिले। घर की बुजुर्ग नारायण देवी (75) की गला दबाकर हत्या करने की आशंका जताई गई थी। लेकिन रिपोर्ट में सामने आया है कि उनकी मौत आंशिक तौर पर फंदे पर लटकाने से हुई। हालांकि, शव के पास एक फंदा मिला था।
बुराड़ी का मकान नंबर 137 : बुराड़ी में इस घर का पता है, संतनगर की गली नंबर 2 का मकान नंबर- 137। यह दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी सनसनीखेज घटना थी। 1 जुलाई की सुबह एक ही परिवार के 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। मृतकों में सात महिलाएं और चार पुरुष थे, जिनमें दो नाबालिग थे।
एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। 9 लोगों के हाथ-पैर और मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी।