बड़े बदले की तैयारी में भारत! 20 जवानों की शहादत के बाद भारत में अब तक क्या-क्या हुआ?

नई दिल्ली. चीन ने बातचीत के बहाने भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमला किया, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए। लेकिन वीर जवानों ने लड़ते-लड़ते दम तोड़ा। उन्होंने चीन के 40 जवानों को मार गिराया। हिंसक झड़प पर पीएम मोदी का पहला बयान आया है, जिसमें उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। बता दें कि पीएम मोदी का ठीक ऐसा ही बयान पुलवामा हमले के बाद भी आया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा के 12 दिन बाद ही पीएम मोदी ने पाकिस्तान के बालाकोट पर एयरस्ट्राइक कर बदला लिया था। चीनी सैनिकों से हिंसक झड़प के बाद भी पूरा देश पीएम मोदी से कुछ वैसी ही उम्मीद लगाए हुए है। मोदी के बयान में भी इसकी झलक दिखी।
 

Asianet News Hindi | Published : Jun 17, 2020 12:31 PM IST / Updated: Jun 29 2020, 06:42 PM IST

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बड़े बदले की तैयारी में भारत! 20 जवानों की शहादत के बाद भारत में अब तक क्या-क्या हुआ?

क्या है भारत-चीन विवाद : चीन ने लद्दाख के गलवान नदी क्षेत्र पर अपना कब्जा बनाए रखा है। यह क्षेत्र 1962 के युद्ध का भी प्रमुख कारण था। इसका विवाद को सुलझाने के लिए कई स्तर की बातचीत भी हो चुकी है। 6 जून को दोनों देशों के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बैठक हुई थी। हालांकि, अभी विवाद पूरी तरह से निपटा नहीं है।
 

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पीएम मोदी ने कहा, हमारे वीर जवान लद्दाख में मारते मारते शहीद हुए हैं। भारत कभी अपनी अखंडता से समझौता नहीं करेगा। भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है। 
 

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पीएम मोदी ने कहा, मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता।
 

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पीएम मोदी, गृह मंत्री अ​मित शाह और 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने गलवान घाटी में जान गंवाने वाले जवानों को 2 मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित की।
 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत चीन की स्थिति पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह बैठक 19 जून को शाम 5 बजे होगी। विभिन्न पार्टियों के अध्यक्ष इस वर्चुअल बैठक में हिस्सा लेंगे।
 

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हिंसक झड़प के अगले दिन यानी 16 जून को राजनाथ सिंह ने सुबह से ही मीटिंग का दौर शुरू कर दिया। उन्होंने में दिन में दो बड़ी बैठक की। 
 पहली बैठक : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सीडीएस (CDS) बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के अध्यक्ष के साथ पूर्वी लद्दाख में वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद रहे।

दूसरी बैठक : दूसरी बैठक शाम को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा स्टाफ के प्रमुख (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम की करीब आधे घंटे मीटिंग हुई। यह एक दिन में लगातार दूसरी समीक्षा बैठक थी।
 

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16 जून की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण तथा थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के बीच रात 10 बजे मुलाकात हुई।
 

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दिल्ली पुलिस ने बुधवार को सेना के पूर्व अधिकारियों और स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सदस्यों को हिरासत में ले लिया। ये लोग पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के धोखे के खिलाफ चीनी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। 
 

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समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, विवाद को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर बात की। रायटर्स ने चीनी विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया, भारत और चीन ने सीमा पर झड़प का मुद्दा निष्पक्ष तरीके से सुलझाने पर सहमति जताई है।
 

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चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत से अपील की है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दे। साथ ही भारत को अपने जवानों पर नियंत्रण रखने की सलाह दी है। चीन ने भरोसा दिलाया है कि जितनी जल्दी संभव होगा, वह तनाव कम करने और पीछे हटने की कोशिश करेगा।
 

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पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झपड़ में भारत के कर्नल रैंक के अधिकारी सहित 20 जवान शहीद हो गए। इस घटना पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि चीन ने ऐसा क्यों किया? विदेश मंत्रालय ने बताया कि जहां एक तरफ बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की कोशिश हो रही है, वहां चीन ने ऐसी धोखेबाजी क्यों की? मंत्रालय ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि 15 जून को देर शाम और रात को चीन की सेना ने वहां यथास्थिति बदलने की कोशिश की। यथास्थिति से मतलब है कि चीन ने एलएसी बदलने की कोशिश की। भारतीय सैनिकों ने रोका और इसी बीच झड़प हुई।
 

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भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प में शहीद होने वाले 20 जवानों के नाम।

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