भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो के 2 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा, यह है यहां का पहला मोबाइल नेटवर्क

नेशनल डेस्क। लद्दाख (Ladakh) के राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से संवेदनशील माने जाने वाले  पैंगोंग त्सो (Pangong Tso) के दक्षिणी तट पर स्थित 2 गांवों में भारतीय सेना (Indian Army) ने ऑप्टिकल फाइबर सुविधा को शुरू कर दिया है। ये दोनों गांव मेराक (Merak) और खाकटेड (Khakted) हैं। चीन के साथ चल रहे सीमा पर विवाद के दौर में इनका सामरिक महत्व बहुत ज्यादा है। यही वजह है कि सेना ने यहां ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी शुरू करने का फैसला किया। सरकारी टेलिकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) इस काम को 7 दिन में पूरा कर दिया। यह इस क्षेत्र में पहला मोबाइल नेटवर्क है। 


 

Asianet News Hindi | Published : Mar 2, 2021 11:54 AM IST / Updated: Mar 02 2021, 05:50 PM IST
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भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो के 2 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा, यह है यहां का पहला मोबाइल नेटवर्क
बता दें कि यह मोबाइल नेटवर्क इस क्षेत्र में जहां सेना के लिए महत्वपूर्ण तो है ही, स्थानीय लोगों को भी इससे काफी सुविधा मिलेगी। बॉर्डर के गांवों में मोबाइल नेटवर्क होने से स्थानीय निवासियों को काफी फायदा होगा। यह काम तब शुरू किया गया, जब चुशुल के काउंसिलर कॉन्चोक स्टैन्जिन ने लेह स्थित 14वें कॉर्प्स कमांडर (XIV Corps Commander) लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन के समक्ष फाइबर ऑप्टिकल की सुविधा शुरू किए जाने का प्रस्ताव रखा। फाइबर ऑप्टिकल सर्विस की शुरुआत के बाद मेराक और खाकटेड इस इलाके के पहले गांव हैं, जहां मोबाइल नेटवर्क काम करने लगा।
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चुशुल के काउंसिलर कॉन्चोक स्टैन्जिन ने कहा कि करीब 1 हफ्ता पहले हमने इसका प्रस्ताव मेनन साहब के सामने रखा और उन्होंने तुरंत इसका अप्रूवल दे दिया। इसके बाद 7 दिन के भीतर काम पूरा हो गया। यह 2G नेटवर्क इंडियन आर्मी के धनसिंह थापा पोस्ट के अलावा और दूसरे पोस्ट और पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर स्थित पोस्ट से जुड़ा हुआ है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद को देखते हुए सरकार ने लद्दाख और ज्मू-कश्मीर के बीच टेलिकॉम कनेक्टिविटी को मजबूत करने की योजना बनाई है। रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के 87 गांवों और लद्दाख के 57 गांवों को दूरसंचार सेवा से जोड़ने की जरूरत है। सभी जगह संचार आसानी से हो सके और इसकी व्यवस्था मजबूत हो, सरकार 100 फीसदी टेलिकॉम कवरेज की व्यवस्था करना चाहती है। यह कदम इसी दिशा में उठाया गया है और आने वाले दिनों में इसका विस्तार किया जाएगा।
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