Air Force Day: राफेल से लेकर तेजस तक इन लड़ाकू विमानों ने किया शक्ति प्रदर्शन, देखकर कांपे दुश्मनों के पांव

चंडीगढ़। भारतीय वायुसेना दिवस (Air Force Day) पर चंडीगढ़ के सुखना झील परिसर में फ्लाई-पास्ट का आयोजन किया गया।  इसमें लगभग 80 सैन्य विमानों और हेलीकॉप्टरों ने भाग लिया। चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। यहां से चीन और पाकिस्तान की सीमा करीब है। शनिवार को जब राफेल और प्रचंड जैसे लड़ाकू विमानों व हेलिकॉप्टरों ने शक्ति प्रदर्शन किया तो उसे देख दुश्मनों के पांव कांप गए। आगे पढ़ें फ्लाई-पास्ट में शामिल फाइटर प्लेन्स और अटैक हेलिकॉप्टरों के बारे में...

Vivek Kumar | Published : Oct 8, 2022 6:57 AM IST / Updated: Oct 08 2022, 05:04 PM IST

110
Air Force Day: राफेल से लेकर तेजस तक इन लड़ाकू विमानों ने किया शक्ति प्रदर्शन, देखकर कांपे दुश्मनों के पांव

फ्लाई-पास्ट का मुख्य आकर्षण लड़ाकू हेलिकॉप्टर प्रचंड रहा। पिछले दिनों इसे वायुसेना में शामिल किया गया था। यह दुनिया का एकमात्र हेलिकॉप्टर है जो अपने पूरे हथियारों के साथ 5000 मीटर से अधिक ऊंचे इलाके में लैंड और टेकऑफ कर सकता है। इसका इस्तेमाल चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा के अधिक ऊंचाई वाले इलाके में हो सकता है। 
 

210

एशिया में भारत एकमात्र देश है, जिसके पास फ्रांस द्वारा बनाया गया अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल मौजूद है। चीन और पाकिस्तान की वायुसेना के पास इसके टक्कर का कोई फाइटर प्लेन नहीं है। हवा से हवा में लड़ाई हो या जमीन पर हमला करना यह हर तरह के मिशन को अंजाम दे सकता है। 
 

310

तेजस भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान है। एक इंजन वाला यह विमान हल्के वजन वाला और आकार में छोटा है। डेल्टा विंग डिजाइन के चलते यह बेहद फुर्तीला विमान है। यह मल्टीरोल फाइटर प्लेन है। छोटा आकार और कम्पोजिट मटेरियल से बने होने के चलते इसे रडार से पकड़ पाना कठिन होता है।
 

410

सुखोई एमकेआई 30 भारतीय वायु सेना का मुख्य लड़ाकू विमान है। इस रूसी विमान की गिनती दुनिया के सबसे घातक फाइटर प्लेन में होती है। भारत ने अपने सुखोई विमानों को हवा से जमीन पर मार करने वाले ब्रह्मोस मिसाइल के नए वर्जन से लैस किया है। इस मिसाइल का रेंज 300 किलोमीटर है। इससे सुखोई की ताकत और अधिक बढ़ गई है।
 

510

मिग-29 एक एयर सूपेरियारिटी फाइटर प्लेन है। दो इंजन वाला यह रूसी लड़ाकू विमान हवाई लड़ाई में बेजोड़ है। इससे जमीन पर मौजूद टारगेट पर भी हमला किया जा सकता है। भारतीय नौसेना मिग-29 के नेवल वर्जन का इस्तेमाल करती है। 
 

610

जगुआर विमान का इस्तेमाल जमीन पर भारी बमबारी के लिए किया जाता है। यह विमान भारत की जमीन पर पहली बार 27 जुलाई 1979 को उतरा था। जगुआर को परमाणु हथ‍ियारों से लैस किया जा सकता है। 
 

710

आईएल-76 का इस्तेमाल सैनिकों और साजो-सामान को ढोने के लिए किया जाता है। यह विमान 47 टन वजन लेकर उड़ सकता है। इसका रेंज 6,100 किलोमीटर है। 760 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार उड़ने वाले इस विमान को टेकऑफ के लिए 1,600 मीटर लंबे रनवे की जरूरत होती है।
 

810

अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन द्वारा बनाए गए C-130J को सुपर हरकुलिस भी कहा जाता है। चार इंजन वाले इस विमान का इस्तेमाल अग्रिम मोर्चों तक सैनिकों और हथियारों को पहुंचाने के लिए होता है। इसे मुश्किल रनवे से भी ऑपरेट किया जा सकता है।
 

910

अपाचे को दुनिया का सबसे अच्छा अटैक हेलिकॉप्टर माना जाता है। इसे हवा में उड़ने वाला टैंक भी कहा जाता है। दुश्मन के टैंक और बख्तबंद वाहनों से लेकर बंकरों तक को यह मिनटों में तबाह कर सकता है। यह हेलिकॉप्टर और ड्रोन के खिलाफ लड़ाई में भी काम आता है। 
 

1010

चिनूक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल सैनिकों और हथियार को जंग के मैदान में पहुंचाने के लिए किया जाता है। चीन से लगती सीमा पर ये हेलिकॉप्टर अहम रोल निभा रहे हैं। इसकी मदद से तोप और अन्य हथियारों को तेजी से तैनात किया जा सकता है।
 

Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos