पिता थे कंडक्टर, स्कॉलरशिप से पढ़ाई पूरी कर बनी आर्मी अफसर, अब सेना ने वीडियो जारी कर की तारीफ
नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस को कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं। इससे पहले भारतीय सेना ने एक बार फिर पिछले साल की गणतंत्र दिवस की परेड की यादें ताजा कर दी हैं। भारतीय सेना के चिनार कॉर्प्स ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है, इसमें असम राइफल्स की मेजर खुशबू कंवर नजर आ रही हैं। खुशबू ने पिछले साल राजपथ से इतिहास रच दिया था। उन्होंने राजपथ पर 147 महिला सैनिकों के दस्ते का नेतृत्व किया था।
दरअसल, पिछली साल असम राइफल्स की महिला टुकड़ी ने गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया था, स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था। मेजर खुशबू ने इस टुकड़ी का नेतृत्व किया था।
चिनार कॉर्प्स ने शुक्रवार को एक वीडियो शेयर किया है, इसमें लिखा, यह नेतृत्व प्रभाव और प्रेरणा के बारे में है। एक युवा के प्रेरक शब्द कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास, इच्छा शक्ति आपके सपनों को साकार करेंगे। सभी युवा जो अपने सपनों को साकार कर रहे हैं, वे हमारे महान राष्ट्र की सेवा में कर रहे हैं। इस वीडियो में मेजर खुशबू भी अपने संघर्ष के बारे में बता रही हैं।
जयपुर के शेखावत परिवार में जन्मीं मेजर खुशबू असम राइफल्स में मणिपुर के उखरुल में मेजर के पद पर तैनात हैं। उनका बचपन काफी संघर्षों के साथ बीता। वे बताती हैं कि उनके पिता बस कंडक्टर थे। उन्होंने सरकारी कॉलेज से एमबीए किया है। खुशबू ने अपनी पढ़ाई स्कॉलरशिप के जरिए पूरी की है।
खुशबू 2012 में सेना कमीशन हुई थीं। 2018 में वे मेजर बनीं। उन्होंने मेजर राहुल तंवर से शादी की है। राहुल तंवर को 2010 में सेना में कमीशन प्राप्त किया। खुशबू के ससुर महेंद्र सिंह सेना के कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त हैं।
खुशबू ने गणतंत्र दिवस में टुकड़ी का नेतृत्व करने को लेकर कहा था, 'अगर एक बस कंडक्टर की बेटी होकर मैं सम्मान पा सकती हूं, तो देश की हर लड़की अपना सपना पूरा कर सकती है।'