नई दिल्ली. भारतीय नेवी को तीसरी स्कॉर्पीन पनडुब्बी मिल गई है। यह INS करंज के तौर पर नौसेना में कमीशन किया जाएगा। सरकार के 'मेक-इन-इंडिया ' अभियान के तहत एक कदम आगे बढ़ाते हुए युद्धपोत निर्माता मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने सोमवार को परियोजना की दूसरी स्कॉर्पीन पनडुब्बी पी -75 को भारतीय नौसेना को सौंप दिया।
यह पनडुब्बी भारतीय नौसेना में आईएनएस करंज के तौर पर कमीशन की जाएगी। करंज सौंपने के साथ ही भारत ने पनडुब्बी बनाने वाले देश के तौर पर अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है।
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मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड भारतीय नेवी की जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरी क्षमता के साथ पूरा के लिए भारत के प्रमुख शिपयॉर्ड में से एक है। अब तक इस शिपयॉर्ड ने नेवी को खंडेरी, कलवरी और करंज तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियां सौंपी हैं।
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इस समझौते के तहत 6 पनडुब्बी नेवी को सौंपी जाएंगी। वेला और वजीर का अभी ट्रायल चल रहा है। वहीं, 6वीं पनडुब्बी आउफिटिंग स्टेज में है।
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कितनी ताकतवर है INS करंज
आईएनएस करंज में सतह और पानी के अंदर से टॉरपीडो और ट्यूब लॉन्च एंटी शिप मिसाइल दागने की क्षमता है। करंज सटीक निशाना लगाकर दुश्मन को तबाह करने की क्षमता रखती है।
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इसके अलावा पनडुब्बी में एंटी सरफेस वॉरफेयर, एंटी सबमरीन वॉरफेयर, खुफिया जानकारी जुटाने, माइन लेइंग और एरिया सर्विलांस जैसे मिशनों को अंजाम देने की क्षमता रखता है।
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खास बात ये है कि ये पनडुब्बी ऐसी तकनीक के साथ बनाई गई है कि दुश्मन देश की नौसेना इसकी टोह भी नहीं ले सकती। इसमें साइलेंसिंग तकनीक, लो रेडिएटेड नॉइज लेवल, हाइड्रो डायनेमिकली ऑपटिमाइज्ड शेप शामिल है।