भारतीय राफेल, पाकिस्तानी एफ-16 या चीन का J-20; जानिए कौन सा विमान है सबसे ज्यादा दमदार?

नई दिल्ली. फ्रांस से लड़ाकू विमान राफेल इसी महीने भारत आ सकता है। वायुसेना के मुताबिक, 5 राफेल विमानों का पहला बैच 29 जुलाई को अंबाला एयरफोर्स बेस पर वायुसेना में शामिल किया जाएगा। माना जा रहा है कि राफेल की तैनाती लद्दाख सेक्टर में की जा सकती है। इस विमान से वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। भारतीय राफेल के मुकाबले चीन में चेंगदू J-20 (Chengdu J-20) और पाकिस्तान में JF-17 लड़ाकू विमान है। आईए जानते हैं कौन ज्‍यादा पावरफुल विमान है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 21, 2020 3:22 AM IST / Updated: Jul 27 2020, 09:45 AM IST
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भारतीय राफेल, पाकिस्तानी एफ-16 या चीन का J-20; जानिए कौन सा विमान है सबसे ज्यादा दमदार?

India Rafale vs Chengdu J-20 
चीन का चेंगदू J-20 राफेल के मुकाबले थोड़ा कमतर मालूम होता है। वैसे राफेल और चीन का J-20 दोनों ही ट्विन इंजन के साथ सिंगल सीटर हैं। जहां J-20 का मेन रोल स्‍टील्‍थ फाइटर का है। वहीं, राफेल को कई कामों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। मौजूदा वक्त में चीन J-20 से दुश्मनों पर नजर रखता है, वहीं, राफेल निगरानी के अलावा सोर्टीज और अटैक में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। राफेल को भारत की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है। 

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स्पीड बराबर, लेकिन राफेल की रेंज कहीं ज्यादा
राफेल के मुकाबले चीन का विमान भारी है। राफेल अधिकतम 24,500 किलो वजन ले जा सकता है, वहीं, J-20 34 से 37 हजार किलो वजन अपने साथ ले जा सकता है। रेंज की बात करें तो इस मामले में राफेल कहीं आगे है। राफेल की रेंज 3700 किमी है, वहीं, J-20 की बेसिक रेंज 1200 है, इसे 2700 तक अपडेट किया जा सकता है। दोनों विमान अपने साथ चार चार मिसाइल ले जा सकते हैं, दोनों की स्पीड 2100-2130 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो लगभग एक जैसी है। (फोटो- राफेल)

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राफेल की लंबाई कम, लेकिन ऊंचाई ज्यादा
J-20 की लंबाई 20.3 मीटर से 20.5 मीटर है। वहीं, इसकी ऊंचाई 4.45 मीटर है। इसका विंगस्‍पैन 12.88-13.50 मीटर है। जबकि राफेल की बात करें तो लंबाई 15.30 मीटर और ऊंचाई 5.30 मीटर है। राफेल का विंगस्‍पैन सिर्फ 10.90 मीटर है, जो पहाड़ी क्षेत्र में उड़ने के लिए आदर्श एयरक्राफ्ट बनाता है। (फोटो- राफेल)

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बियांड विजुअल रेंज मिसाइल्‍स से लैस होगा राफेल
J-20 में इंटरनल कैनन लगा है। इसमें लगा AESA रडार, ट्रैक सेंसर से लैस है। चीन के मुताबिक, विमान में पायलट को 360 डिग्री कवरेज के लिए पैसिव इलेक्‍टो-ऑप्टिकल डिटेक्‍शन सिस्‍टम भी लगा है। इसके साथ ही विमान से चीन की सेना की सैटेलाइट और ड्रोन्स का डेटा एक्सेस किया जा सकता है। चीन ने इस विमान में  PL-15 मीडियम-टू-लॉन्‍ग रेंज मिसाइल का टेस्ट किया है। इसकी रेंज 200 किलोमीटर से ज्यादा है। (फोटो-  चेंगदू J-20)

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वहीं, राफेल की बात करें तो वह बियांड विजुअल रेंज मिसाइल्‍स से लैस होगा। यानी बिना टारगेट प्‍लेन को देखते ही उसे उड़ाया जा सकता है। इसमें लगा एक्टिव रडार सीकर से किसी भी मौसम में विमान को ऑपरेट किया जा सकता है। इसके अलावा  स्कैल्प मिसाइल या स्ट्रॉम शैडो मिसाइलें किसी भी बंकर को आसानी से तबाह कर सकती हैं। इसकी रेंज लगभग 560 किमी है। राफेल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। (फोटो-  चेंगदू J-20)

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चीन ने पाकिस्तान के विमान को बनाया शक्तिशाली 
पाकिस्तान के JF-17 को चीन ने और विकसित किया है। यह मल्टी रोल लड़ाकू विमान है। यह हवा से हवा और हवा से सतह पर मार कर सकता है। चीन ने इसमें  PF-15 मिसाइलें लगाई हैं। ये इन्‍फ्रारेड सिस्‍टम से लैश हैं। इस मिसाइल की रेंज 300 किमी है। वहीं, राफेल में इस्तेमाल होने वाली मिसाइल्स की रेंज इनसे कम है। (फोटो-  JF-17)

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