श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में टार्गेट किलिंग( targeted killings) ने फिर से 1990 जैसे डरावने हालात पैदा कर दिए हैं। धारा 370(Article 370) हटने से बौखलाए आतंकवादी समूह ऐसे गैर कश्मीरियों या कश्मीर पंडितों को निशाना बना रहे हैं, जिनकी मौत का असर पूरे भारत में दिखाई दे। 2 जून को कुलगाम जिले के अरेह मोहनपोरा स्थित देहाती बैंक मैनेजर विजय कुमार की एक आतंकवादी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।राजस्थान के हनुमानगढ़ के रहने वाले थे। 3 जून को यहीं उनक अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे। यह भीड़ कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने का मकसद भी थी। विजय कुमार की हत्या की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन रेसिस्टेंस फ्रंट ने ली है। विजय कुमार की मां ने रो-रोकर मीडिया को बताया कि उन्होंने बेटे से नौकरी छोड़कर घर लौट आने को कहा था। विजय से कहा था कि वो वापस आ जाए, यहां कोई भूखे नहीं मर रहा है।