सोशल मीडिया पर वीडियो देख कट्टर हुआ नाबालिग, चंदन गुप्ता की मौत का बदला लेने के लिए की फायरिंग
नई दिल्ली. जामिया यूनिवर्सिटी इलाके में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान फायरिंग करने वाला शख्स पुलिस जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। पुलिस सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि नाबालिग को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। उसका दावा है कि वह किसी भी संगठन से जुड़ा नहीं है। दरअसल, जामिया यूनिवर्सिटी इलाके में गुरुवार को एक शख्स ने फायरिंग कर दी थी। हालांकि, इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फायरिंग करने वाला शख्स नाबालिग है।
Asianet News Hindi | Published : Jan 31, 2020 5:16 AM IST / Updated: Jan 31 2020, 11:17 AM IST
पुलिस सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि युवक ने दावा किया है कि वह किसी भी संगठन से नहीं जुड़ा है। वह सोशल मीडिया पर वीडियो देखकर ही कट्टर हुआ है। वह कासगंज में हिंसा के दौरान मारे गए चंदन गुप्ता की मौत का बदला लेना चाहता था। (इंसेट में चंदन गुप्ता।)
चंदन गुप्ता की मौत दो साल पहले हो हिंसा में हुई थी। वह 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर कासगंज में अन्य युवकों के साथ तिरंगा यात्रा निकाल रहा था। यह यात्रा जब मुस्लिम इलाके से निकली तो वहां बवाल हो गया। इस दौरान हिंसा भी हुई। इसी दौरान चंदन को गोली मार दी गई। मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी।
दरअसल, जामिया से राजघाट तक सीएए के विरोध में मार्च निकाला जा रहा था। इसी दौरान युवक ने फायरिंग की। फायरिंग के वक्त मौके पर पुलिस भी मौजूद थी। फायरिंग के दौरान गोली चलाने वाले शख्स ने कहा, मैं तुम्हें आजादी दिलाता हूं।
उसने पिस्टल लहराते हुए कहा, दिल्ली पुलिस जिंदाबाद, जामिया मिलिया मुर्दाबाद। फायरिंग में जामिया के एक शख्स को गोली लग गई। उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
जामिया में फायरिंग करने वाले शख्स ग्रेटर नोएडा के जेवर का रहने वाला है। वह जामिया का स्टूडेंट नहीं है। फायरिंग से पहले शख्स ने कई बार जामिया से अपने फेसबुक अकाउंट पर लाइव भी किया था।
फायरिंग में जामिया का एक छात्र घायल हो गया। उसे होली फैमिली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। घायल छात्र का नाम शादाब है। अब उसकी हालत ठीक बताई जा रही है। फायरिंग के बाद दिल्ली पुलिस ने गोली चलाने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया। वीडियो में दिख रहा है कि आरोपी 18 सेकंड तक पिस्टल लहराता रहा, लेकिन पीछे खड़ी पुलिस देखती रही। उसे रोका नहीं और न ही गिरफ्तार किया। सिर्फ हाथ बांधे खड़ी रही।