जेरूसलम की 2 हजार साल पुरानी जगहों का ईसा मसीह से है ताल्लुक, कुछ इस तरह दिखती हैं अब; PHOTOS

जेरूसलम. देश भर में 25 दिसंबर को ईसाइयों के ईष्ट देव ईसा मसीह का जन्मदिन मनाया जा रहा है। 25 दिसंबर को क्रिसमस दिवस के रूप में भगवान यीशु का जन्मदिवस मनाया जाता है। दुनियाभर में लोग इस दिन धूमधाम से घरों की सजावट करते हैं, सांता क्लॉज के चोरी-छिपे बच्चों को तोहफे देने का इंतजार किया जाता है। वहीं ईसाई धर्म के लोग इस दिन चर्च जाते हैं और प्रार्थना करते हैं। आज से 2000 साल पहले जीसस का जन्म हुआ था। ऐसे में आज भी यीशु के जन्म स्थल बेथलहेम में कई ऐसी जगह हैं जो आज भी यीशु के अस्तित्व की गवाही देते हैं। आज क्रिसमस डे 2019 के मौके पर हम आपको ऐसी ही ऐतिहासिक तीर्थ स्थलों के बारे में बताएंगे......

Asianet News Hindi | Published : Dec 25, 2019 8:29 AM IST / Updated: Dec 25 2019, 03:20 PM IST

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जेरूसलम की 2 हजार साल पुरानी जगहों का ईसा मसीह से है ताल्लुक, कुछ इस तरह दिखती हैं अब; PHOTOS
यीशु जन्म जेरूसलेम के बेथलहेम में हुआ था। उन्होंने एक गुफा में कुंवारी कन्य की कोख से जन्म लिया था।
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ये उसी गुफा की तस्वीर है जो आज भी मौजूद है। यहां दूर-दूर से ईसाई धर्म के लोग दर्शन करने आते हैं।
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बेथलहेम में गुफा के अंदर एक प्राचीन छोटा चर्च भी है। यहां यीशु की एक तस्वीर विराजमान है।
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बेथलहेम शहर में बनी चर्च का दक्षिण क्षेत्र।
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बेथलहेम में चर्च वेल नाम का ये बड़ा घंटा है जो हर रविवार को प्रार्थना से पहले बजाया जाता है। क्रिसमस के दिन यहां भारी भीड़ पाई जाती है।
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बेथलहेम शहर का अद्भुत नजारा।
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नेटिविटी चर्च के बाहर का नजारा।
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बेथलहेम में आज भी जैतून के पेड़ की लकड़ियों से बने सामान बिकते हैं ये एक प्राचीन प्रथा रही है।
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यीशु मसीह के बारे में कहा जाता है कि, वे एक चरवाहों के परिवार में जन्में थे, भेड़ बकरियां चराते थे और लोगों को उपदेश देते थे। इसलिए बेथलहेम में एक भेड़ बकरियों के लिए बड़ा मैदान बना हुआ है।
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