हेमंत सोरेन ने पिता से लिया आशीर्वाद, फिर चलाई साइकिल..Photos में देखें जीत के बाद ऐसे बयां की खुशी

रांची. झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में जेएमएम राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। महागठबंधन के मुख्यमंत्री कैंडिडेट और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का सीएम बनना तय है। हेमंत सोरेन ने जीत की सुगंध मिलते ही अपने पिता से मुलाकात कर आशिर्वाद लिया था। इस दौरान वो साइकिल चलाते हुए नजर आए थे।  

Asianet News Hindi | Published : Dec 23, 2019 10:46 AM IST / Updated: Dec 24 2019, 12:14 AM IST
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हेमंत सोरेन ने पिता से लिया आशीर्वाद, फिर चलाई साइकिल..Photos में देखें जीत के बाद ऐसे बयां की खुशी
काफी देर तक चलाते रहे साइकिल- शुरुआती रुझानों को देखकर हेमंत सोरेन पिता से मिलने गए। इस दौरान उन्होंने साइकिल चलाई, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई।
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पहले भी रह चुके हैं मुख्यमंत्री- हेमंत सोरेन साल 2013 में आरजेडी, कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों की मदद से झारखंड के पांचवें मुख्यमंत्री बनने में कामयाब हुए थे और दिसंबर 2014 तक वो पद पर रहे।
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टीनेंसी एक्ट का विरोध- राज्य के आदिवासियों के हितों की रक्षा करने का हेमंत सोरेन कोई भी मौका हाथ सें गंवाना नहीं चाहते हैं। 'छोटा नागपुर टीनेंसी एक्ट' और 'संथाल परगना टीनेंसी एक्ट' में बदलाव की कोशिशों का हेमंत सोरेन ने जबर्दस्त विरोध किया। दरअसल इन दोनों एक्ट में बदलाव कर राज्य सरकार उन जमीनों पर सड़क, हॉस्पिटल और शैक्षणिक संस्थानों को साल 2016 में बनवाना चाह रही थी, जिसका हेमंत सोरेन ने जोरदार विरोध किया।
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हेमंत सोरेन का मानना है कि राज्य की महिलाओं को आगे बढ़कर शराब बिक्री का विरोध करना होगा तभी राज्य सरकार गांवों में शराब का लाइसेंस बांटने का निर्णय वापस ले सकेगी।
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हेमंत सोरेन राज्य में शराब बिक्री पर पांबदी लगाने कि बात करते हैं। उनका मानना है कि झारखंड के गांवों में खासतौर पर शराब की दुकानें नहीं खुलनी चाहिए क्योंकि राज्य के भोले-भाले आदिवासी शराब के नशे में चूर होकर जिंदगी की दौड़ में और पिछड़ते चले जाएंगे।
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