झारखंड में ओवैसी को मुंह की खानी पड़ी, उम्मीदवार तो उतार दिए लेकिन नोटा से भी कम वोट मिले
रांची. झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को झटका लगा है। कांग्रेस-जेएमएम सरकार बनाने की ओर अग्रसर है। इस बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) का चुनाव में प्रदर्शन के बारे में भी बताते हैं। एआईएमआईएम ने राज्य में 14 सीटों पर चुनाव लड़ा। दो बजे तक चुनाव परिणाम के रुझान देखे तो 0.96% वोट मिले। चौंकाने वाली बात यह है ओवैसी की पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले। नोटा पर 1.48% लोगों ने मतदान किया।
Asianet News Hindi | Published : Dec 23, 2019 8:36 AM IST / Updated: Dec 23 2019, 02:17 PM IST
ओवैसी ने फाड़ी थी नागरिकता बिल की कॉपी- असुद्दीन ओवैसी ने संसद में चर्चा के दौरान नागरिकता संशोधन बिल की कॉपी को सदन में फाड़ दिया था। उन्होंने इस बिल का पुरजोर तरीके से विरोध किया। लेकिन झारखंड चुनाव में ओवैसी की आक्रामता का रिफ्लेशन नहीं दिखा। जनता ने उनकी पार्टी को पंसद नहीं किया।
भाजपा को 33.8% वोट मिले- दो बजे तक के रुझान देखे तो भाजपा को 33.8% वोट मिले। भाजपा प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर फिर से उभरी है। दूसरे नंबर पर जेएमएम है, जिसे 18.9% वोट मिले। तीसरे नंबर पर कांग्रेस है, जिसे 13.7% वोट मिले।
2019 में पड़े 65.23% वोट - 81 सीटों वाले राज्य में पांच चरणों में मतदान हुआ है। कुल 1216 प्रत्याशी मैदान में हैं। 25 से ज्यादा वीवीआईपी सीटें हैं। आखिरी चरण के लिए 20 दिसंबर को मतदान हुए थे। पांच चरणों में कुल 65.23% वोटिंग हुई। 2005 में वोट प्रतिशत- 57.0%, 2009 में वोट प्रतिशत- 57.0% और 2014 में वोट प्रतिशत- 66.6% रहा।