सौरभ कालिया के साथ उनके पांच साथियों ने घाटी में अपनी जान गवां दी थी। नरेश सिंह, भीखा राम, बनवारी लाल, मूला राम और अर्जुन राम उनके सहयोगी साथी थे। ये सभी काकसर की बजरंग पोस्ट पर गश्त लगा रहे थे, जब ये दुशमन के हाथों पकड़े गए। 22 दिनों तक दुश्मनों द्वारा जबरदस्त यातना दी गई थी। उस वक्त सौरभ की उम्र 22 साल थी और उनके साथी अर्जुन राम महज 18 के थे।