निर्भया के दोषियों को मौत मिलेगी या उम्र कैद की सजा, ऐसे चली वकील ने नई चाल, जेल पहुंच कराए सिग्नेचर

नई दिल्ली. निर्भया केस में चारों आरोपियों को 1 फरवरी को फांसी दी जानी है। लेकिन उससे पहले दोषी मौत से बचने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं। जेल में अपने व्यवहार में सुधार का जिक्र करते हुए तीन दोषी विनय, अक्षय और पवन क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेंगे, जिसमें मांग की जाएगी की उनकी फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया जाए। 16-17 दिसंबर 2012 की रात मेडिकल की छात्रा निर्भया से चलती बस में गैंगरेप किया गया था। 13 दिन बाद उसने दम तोड़ दिया, जिसके बाद पूरे देश में निर्भया के सभी दोषियों को फांसी की मांग की गई। एक दोषी ने तिहाड़ जेल में सुसाइड कर लिया था। एक दोषी नाबालिग था, तीन साल की सजा काटने के बाद उसे छोड़ दिया गया था। 
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 24, 2020 4:45 AM IST / Updated: Jan 25 2020, 11:56 AM IST

17
निर्भया के दोषियों को मौत मिलेगी या उम्र कैद की सजा, ऐसे चली वकील ने नई चाल, जेल पहुंच कराए सिग्नेचर
वकील ने जेल में की मुलाकात : दोषियों के वकील एपी सिंह ने तिहाड़ जेल में तीनों दोषियों से मुलाकात की। वकील का कहना है कि जेल से कागजात मिलने में हुई देरी की वजह से क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने में देर हो रही है।
27
वकील एपी सिंह ने कहा, उन्हें जेल नंबर 3 में बंद दोषियों से खासी दिक्कत हुई। उन्हें क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने के लिए दोषियों के हस्ताक्षर कराने थे।
37
वकील ने जेल प्रशासन से तीनों दोषियों के अच्छे व्यवहार से जुड़ी जानकारी मांगी है। वकील एपी सिंह ने कहा, हमें पूरी उम्मीद है कि कोर्ट दोषियों के अच्छे व्यवहार को देखते हुए फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल देगी।
47
वकील ने जेल प्रशासन से तीनों दोषियों के अच्छे व्यवहार से जुड़ी जानकारी मांगी है। वकील एपी सिंह ने कहा, हमें पूरी उम्मीद है कि कोर्ट दोषियों के अच्छे व्यवहार को देखते हुए फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल देगी।
57
1 फरवरी के दिन सुबह 6 बजे चारों दोषियों को फांसी की सजा दी जाएगी।
67
वकील एपी सिंह ने बताया कि विनय ने जेल में रहते हुए अच्छे काम किए हैं। उसने एक कैदी को आत्महत्या करने से बचाया है। उसने जेल में पेंटिंग भी की है। ब्लड डोनेशन कैंप में भी शामिल हुआ। इसी के आधार पर उसकी फांसी की सजा को उम्र कैद में बदला जा सकता है।
77
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos