आई लव यू बोल दी थी शहीद पति को विदाई, पहली बरसी पर सेना में अफसर बन पूरा किया सपना
देहरादून. देश का शीश गर्व से ऊंचा रखने के लिए ना जाने कितने जाबांजों ने अपनी जान न्योछावर कर भारत का मान बनाए रखा। पिछले साल पुलवामा हमले के बाद जैश ए मोहम्मद के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन में मुठभेड़ के दौरान मेजर विभूति ढौंडियाल शहीद हो गए थे। अब उनकी पत्नी उन्हीं की राह पर चल पड़ी हैं। जल्द ही वे भी पति की तरह सेना की बर्दी में नजर आएंगी। मेजर विभूति की पत्नी निकिता ने सेना में शामिल होने के लिए सभी जरूरी परीक्षाएं पास कर ली हैं।
14 फरवरी को जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के काफिले पर पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली थी।
इसके बाद पूरी घाटी में जैश के खिलाफ ऑपरेशन चलाया गया था। इस दौरान 18 फरवरी को मुठभेड़ के दौरान आतंकियों से लोहा लेते वक्त मेजर विभूति ढौंडियाल शहीद हो गए थे। शहीद मेजर की पहली बरसी पर पत्नी ने सेना में अफसर बन उन्हीं की राह पर चलने का फैसला किया है।
मेजर विभूति की शहादत की खबर सुन हर कोई दुखी था। उन्हें अंतिम विदाई देते वक्त मानों पूरा उत्तराखंड उमड़ पड़ा था। पत्नी निकिता ने पति को आई लव यू विभू कहकर अंतिम विदाई दी थी।
इसके बाद उन्होंने भी पति की तरह सेना में भर्ती होने की इच्छा जताई थी। इसके बाद सेना ने उनकी मदद की। इसके बाद कई औपचारिक टेस्ट और इंटरव्यू हुए। अब बताया जा रहा है कि निकिता ने इन्हें पास कर लिया है। वे जल्द ही सेना जॉइन कर लेंगी।
मेजर विभूती पौड़ी के ढौंडी गांव के रहने वाले थे। उनके पिता स्व. ओमप्रकाश ढौंडियाल के चार बेटे थे। इनमें तीन बेटियां और एक बेटा विभूति था।
विभूति के परिवाल वाले बताते हैं कि उनका बचपन से ही सपना था कि वे सेना में जाएं। इसके लिए उन्होंने सातवीं से ही इसकी तैयारी कर दी थी। राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज की परीक्षा में वे पास नहीं हो पाए थे। इसके बाद उन्होंने एनडीए की परीक्षा दी। लेकिन इसमें भी उन्हें सफलता नहीं मिली।
इसके बाद भी विभूति ने हार नहीं मानी। उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद उनका चयन हुआ। 2012 में उन्होंने सेना में कमीशन पाया। मेजर विभूति और निकिता की शादी 18 अप्रैल 2018 को हुई थी।
लेकिन किसे पता था कि शादी से सिर्फ 10 महीने बाद निकिता को ये दिन देखने पड़ेंगे। शहीद होने से एक हफ्ते पहले ही विभूति अपनी छुट्टियां खत्म कर ड्यूटी पर पहुंचे थे।
शहीद मेजर विभूति की पहली बरसी पर उनके आवास पर एक कार्यक्रम रखा गया था। इसमें उनकी पत्नी और परिजन भी मौजूद थे।