हैदराबाद, तेलंगाना. भारत विविधताओं भरा देश है। जिन्हें जनजातीय संस्कृति(Tribal Culture), उनकी धार्मिक और सामाजिक परंपराएं और जीवनशैली को करीब से जानने में दिलचस्पी रही है, वे मेदाराम जतारा(Medaram Jathara 2022) जनजातीय मेले के बारे में जरूर जानते होंगे। एशिया का सबसे बड़ा जनजातीय मेला और भारत में कुंभ के बाद दूसरा सबसे बड़ा मेला 'मेदाराम जतारा' ट्राइबल फेस्टिवल तेलंगाना में 16 फरवरी से शुरू हुआ था, इसका 19 फरवरी को अंतिम दिन है। इस चार दिवसीय उत्सव को तेलंगाना की दूसरी सबसे बड़ी कोया जनजातीय मनाती है। इस मेले से जुड़ी कई परंपराएं हैं। आइए जानते हैं मेले के बारे में और देखते हैं कुछ फोटोज..