निर्भया के दोषी को मौत से बचाने के लिए वकील ने बताया था पागल, कोर्ट ने कहा, विनय मनोवैज्ञानिक तौर पर फिट
नई दिल्ली. निर्भया केस में दोषी विनय शर्मा ने मौत से बचने के लिए नई चाल चली थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। विनय के वकील ने कहा था, मेरे क्लाइंट की दिमागी हालत ठीक नहीं है। वह पागलपन से बचने की दवा लेता है। कई बार अस्पताल जा चुका है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, दोषी विनय मनोवैज्ञानिक तौर पर फिट है और उसकी मेडिकल स्थिति स्थिर है। बता दें कि निर्भया केस का दोषी, पागलपन का बहाना बनाकर फांसी से बचना चाहता था। फिलहाल कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया है। ऐसे में बताते हैं कि विनय के वकील ने कोर्ट में क्या-क्या कहा था?
Asianet News Hindi | Published : Feb 13, 2020 11:35 AM IST / Updated: Feb 14 2020, 06:48 PM IST
निर्भया केस में पवन गुप्ता इकलौता ऐसा दोषी है, जिसने अब तक क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका का इस्तेमाल नहीं किया है।
दोषी के वकील ने कोर्ट में कहा, विनय शर्मा की मानसिक स्थिति सही नहीं है। मानसिक रूप से प्रताड़ित होने की वजह से विनय मेंटल ट्रॉमा से गुजर रहा है। इसलिए उसे फांसी नहीं दी जा सकती है।
वकील ने कहा कि विनय को कई बार मानसिक अस्पताल तक भेजा जा चुका है। किसी को मानसिक अस्पताल तब भेजा जाता है, जब उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं हो। मानसिक रूप से प्रताड़ित होने की वजह से वो मेंटल ट्रॉमा से गुजर रहा है। इसलिए उसे फांसी नहीं दी सकती है।
वकील ने कोर्ट में कहा, यह विनय शर्मा के जीने के अधिकार आर्टिकल 21 का हनन है। वकील ने दया याचिका खारिज किए जाने पर कहा, मैं अन्याय को रोकना चाहता हूं। आधिकारिक फाइल पर गृह मंत्री और एलजी के सिग्नेचर नहीं हैं, इसलिए मैं फाइल का निरीक्षण करना चाहता हूं।
वकील एपी सिंह ने कहा, जिन चार लोगों को फांसी दी जानी है, वे हैबिचुअल अपराधी नहीं हैं। उन्होंने कहा, मामले से जुड़े दस्तावेज व्हॉट्सएप पर मंगाए जा रहे हैं। क्यों नहीं असली दस्तावेज दिखाए जा रहे हैं।
वकील एपी सिंह ने कहा, मेरा क्लाइंट विनय को फांसी पर लटकाया जाएगा। यह कोई प्राइवेट जॉब नहीं है। यह उप राज्यपाल की संवैधानिक ड्यूटी का मामला है।