निर्भया से कैसे गैंगरेप हुआ था...दोषी विनय ने पेंटिंग में बताई उस रात की पूरी कहानी, कहा- मिले मौत
नई दिल्ली. निर्भया केस के चार दोषियों में से एक दोषी विनय जेल में पेंटिंग और डायरी लिखकर समय काट रहा है। उसने एक ऐसी पेंटिंग बनाई है, जिसमें निर्भया के साथ हुई दरिंदगी को दिखाया गया है। पेंटिंग में दिख रहा है कि एक असहाल लड़की दरिंदों के चंगुल में फंसी है। उसपर लिख है कि 16 दिसंबर 2012। इसके नीचे फांसी के चार फंदे भी बनाए गए हैं। बता दें कि विनय ने एक डायरी भी लिखी है, जिसका शीर्षक दिया है, 'दरिंदे'। निर्भया के चारों दोषियों को एक फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी की सजा दी जाएगी।
Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2020 5:28 AM IST / Updated: Jan 31 2020, 01:20 PM IST
निर्भया के दोषी विनय ने जेल के टॉयलेट में फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की थी। उसे सुरक्षाकर्मियों ने बचाया था।
विनय ने जो दरिंदरगी की, उसकी सजा सिर्फ मौत है - विनय ने जो पेंटिंग बनाई है उसे देखकर लगता है कि उसने जो दरिंदगी की है उसकी सजा फांसी ही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विनय अपनी मां से बहुत प्यार करता है। उसने एक ऐसी भी पेंटिंग बना है, जिसमें उसकी मां और स्वर्गीय दादा हैं। मां के लिए बनाई पेंटिंग में उसने लिखा है कि आपको बहुत याद करता हूं। विनय पूरी रात बस अपनी मां की हो याद करता है।
विनय ने अपने चार दोस्तों को भी एक चिट्ठी लिखी है। उसने लिखा, राजू, कमल, रोहित और दिनेश। मैं आप सभी को बहुत याद करता हूं और प्यार करता हूं। कभी भी किसी को वह मत कहना, जिसे तुम खुद बर्दाश्त न कर सको।
विनय के वकील ने कोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें जिक्र किया कि विनय ने जेल में अच्छे काम किए हैं, पेंटिंग बना है। इसलिए उसके अच्छे कामों का हिसाब जेल से मांगा जाए और उसकी फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया जाए।
विनय ने साल 2013 में कॉलेज का एग्जाम देने के लिए एक महीने के लिए जमानत की अर्जी दी, लेकिन कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। कोर्ट में विनय ने कहा था कि घटना के वक्त वह बस में नहीं था। वह दोषी पवन गुप्ता के साथ संगीत कार्यक्रम देखने गया था।
दोषी विनय शर्मा रविदास झुग्गी झोपड़ी में रहता था। वह जिम ट्रेनर का काम करता था। 6 दोषियों में सिर्फ विनय ही इकलौता है जिसने स्कूल में पढ़ाई की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसे अच्छी अंग्रेजी आती है।
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।