निर्भया केसः मौत से 48 घंटे पहले दरिंदे करेंगे परिजनों से मुलाकात,तिहाड़ जेल में ऐसे हो रही तैयारी
नई दिल्ली. सात साल के लंबे इंतजार के बाद अब वह घड़ी नजदीक है जब निर्भया के चारों दोषियों को 22 जनवरी को तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी। ऐसे में दोषियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। तिहाड़ जेल प्रशासन दोषियों की उनके परिजनों से आखिरी मुलाकात की तारीख तय करने की प्रक्रिया में है। जेल सूत्रों का कहना है कि संभवत चारों दोषी आखिरी बार 20 जनवरी को अपने परिजनों से मिल सकेंगे।
Asianet News Hindi | Published : Jan 13, 2020 8:22 AM IST / Updated: Jan 13 2020, 02:02 PM IST
सप्ताह में दो बार ही परिजन जेल में बंद कैदियों से मिल सकते हैं। शनिवार और रविवार को कैदियों से मुलाकात नहीं कराई जाती है। इस कारण कैदियों से मुलाकात सोमवार से शुक्रवार तक होती है। इसी क्रम में पिछले काफी समय से परिजन चारों दोषियों से मिलते रहे हैं।
चूंकि दोषी अक्षय के परिजन दूर रहते हैं। लिहाजा उनका आना-जाना कम होता है। वहीं, बीते सप्ताह ही अक्षय और मुकेश के परिजन इनसे मिलने आए थे। इस दौरान दोनों ही दोषी अपने परिजनों से लिपटकर रो पड़े।
चारों दोषियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सुरक्षा के मद्देनजर इन्हें छह सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा गया है। इनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। इनकी किसके साथ ज्यादा बातचीत हो रही है और क्या बात हो रही है, इस पर भी जेल प्रशासन की पैनी नजर बनी हुई है।
तिहाड़ जेल के डीजी ने बताया कि फांसी के लिए जेल मैन्युअल के हिसाब से पूरी तैयारी की जा रही है। जैसे चारों दोषियों का हर 24 घंटे के अंतराल पर दो बार नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। चारों पर हर पल नजर रखी जा रही है। इनके व्यवहार, बातचीत और सोचने -समझने के तौर-तरीकों पर भी जेल अधिकारी नजर बनाए हुए हैं।
खासतौर से स्वास्थ्य को लेकर किए जाने वाले एहतियात पूरी तरह से बरते जा रहे हैं। दरअसल, तिहाड़ प्रशासन अपने स्तर पर परिसर में स्वास्थ्य जांच कराता है। इसके अलावा बाहर भी सरकारी अस्पताल में जांच कराता है। निर्भया के दोषियों के स्वास्थय पर खास नजर रखी जा रही है। ताकि उनके स्वास्थय में कोई गिरावट न आए और सबकुछ सामान्य रहे।
तिहाड़ जेल के बैरक नंबर-तीन में निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने की तैयारी की जा रही है, वहां संसद हमले के दोषी आतंकवादी अफजल गुरु को भी रखा गया था। फांसी कोठी से लगते हुए ही 16 हाई रिस्क सेल हैं। इन्हीं में से एक में अफजल को रखा गया था।
बैरक से लगती हुई करीब 50 स्क्वायर मीटर जगह में फांसी की कोठी बनाई गई है। इसके गेट पर हरदम ताला लगा रहता है। फांसी कोठी के गेट से अंदर घुसते ही बाईं तरफ फांसी का तख्ता है। यहां फांसी देने वाले प्लेटफॉर्म के नीचे एक बेसमेंट बनाया गया है। बेसमेंट में जाने के लिए करीब 20 सीढ़ियां हैं। इनसे नीचे उतरकर फांसी पर लटकाए गए कैदी को बाहर निकाला जाता है।
निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए चार तख्ती दो जगहों पर तैयार की गई हैं, जिसका अब तक तीन-तीन बार ट्रायल भी हो चुका है। तिहाड़ प्रशासन ने दोषियों के वजन से थोड़ा ज्यादा भार वाला बालू का बोरा तैयार कराया था। खास बात है कि तीनों ट्रायल पिछले दस दिनों में किए गए हैं।
डीजी तिहाड़ संदीप गोयल का कहना है कि बक्सर जेल से जो फंदा मंगाया गया था, वह भी हमारे पास है। जिसका अंतिम ट्रायल में इस्तेमाल किया गया। अब सीधे तय तारीख को यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जल्लाद से भी तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने फांसी की तैयारियों को लेकर बात कर ली है।