मौत के डर से नहीं आ रही नींद, खाना पीना भी छूटा, निर्भया से दरिंदगी करने वालों में ऐसा है फांसी का खौफ

नई दिल्ली. तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन की नींद उड़ी हुई है। परेशानी में खाना-पीना भी छूट गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि 16 दिसंबर को दोषियों को फांसी पर लटकाया जा सकता है। राष्ट्रपति के पास दया याचिका है। वहां से फैसला होते ही दोषियों को फांसी दे दी जाएगी।

Asianet News Hindi | Published : Dec 12, 2019 8:23 AM IST / Updated: Dec 12 2019, 02:23 PM IST

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मौत के डर से नहीं आ रही नींद, खाना पीना भी छूटा, निर्भया से दरिंदगी करने वालों में ऐसा है फांसी का खौफ
जेल नंबर 2 के वॉर्ड नंबर 3 में है दोषी : निर्भया के चारों दोषियों को तिहाड़ के जेल नंबर 2 के वॉर्ड नंबर 3 के तीन सेल में रखा गया है। एक दोषी विनय शर्मा को जेल नंबर 4 में रखा गया है। सभी आरोपियों को खबर लग गई है कि उन्हें जल्द ही फांसी पर लटकाया जा सकता है। इस वजह से उनको नींद नहीं आ रही है। खाना-पीना भी छूट गया है।
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रात भर सेल में चक्कर काटते हैं : मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फांसी की खबर मिलने पर दोषी रात भर सोते नहीं हैं, बल्कि सेल के अंदर ही चक्कर काटते रहते हैं। दोषियों को किसी भी तरह की कोई दवा नहीं दी गई है।
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तरल पदार्थ और ठोस भोजन दिया जा रहा : खाने पीने के लिए सिर्फ लिक्विड दिया जा रहा है। हालांकि जिसे रोटी आदि खाना है उसे वह खाना मुहैया कराया जा रहा है।
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राष्ट्रपति के पास है याचिका : चारों दोषियों को फांसी देने के फैसले के बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका है। जैसे ही राष्ट्रपति दया याचिका पर फैसला करेंगे, दोषियों को फांसी पर टांग दिया जाएगा।
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कब दी जाएगी फांसी : कयास लगाए जा रहे हैं कि दोषियों को 16 (निर्भया से गैंगरेप) या फिर 29 दिसंबर (निर्भया की मौत) को फांसी पर लटकाया जा सकता है।
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जेल नंबर 3 में फांसी होगी : तिहाड़ जेल में फांसी का तख्ता जेल नंबर 3 में है। यहीं पर संसद हमले के दोषी आतंकवादी अफजल को रखा गया था।
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कहां है फांसी कोठी : जेल नंबर-3 की एंट्री करने के बाद गेट से जेल के अंदर जाते ही सीधे हाथ की ओर फांसी कोठी के लिए रास्ता जाता है।
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कौन देगा फांसी : फांसी देने के लिए यूपी, महाराष्ट्र या फिर बंगाल से जल्लाद बुलाया जा सकता है।
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कयास लगाए जा रहे हैं कि 16 दिसंबर को दोषियों को फांसी पर लटकाया जा सकता है। राष्ट्रपति के पास दया याचिका है। वहां से फैसला होते ही दोषियों को फांसी दे दी जाएगी।
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गेट पर लगा रहता है ताला : फांसी की कोठरी करीब 50 स्कवॉयर मीटर जगह में है। इसके गेट पर हरदम ताला लगा रहता है। फांसी कोठरी के गेट से अंदर घुसते ही लेफ्ट साइड में फांसी का तख्ता है।
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