मुझे इंसाफ चाहिए...इसी नारे के साथ निर्भया की मां ने लड़ी थी लड़ाई, Photos में देखें संघर्ष की कहानी

नई दिल्ली. निर्भया से दरिंदगी करने वाले दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे मौत देने की तारीख तय की गई है। इससे पहले भी दो बार मौत की तारीख तय की गई, लेकिन दोषियों की याचिका की वजह से रद्द करनी पड़ी। हालांकि इस बार निर्भया की मां को उम्मीद है कि 3 मार्च को ही फांसी होगी। कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि मुझे कोर्ट पर पूरा भरोसा है। निर्भया की मां आशा देवी ने 7 साल से ज्यादा वक्त तक बेटी को न्याय दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी। दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने के लिए किस तरह के आंदोलन हुए, लोग कैसे सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया, उसकी कुछ तस्वीरें दिखाते हैं और साथ में बताते है कि 16-17 दिसंबर 2012 से लेकर आज तक क्या-क्या हुआ।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 18, 2020 8:14 AM IST / Updated: Feb 23 2020, 08:20 PM IST
122
मुझे इंसाफ चाहिए...इसी नारे के साथ निर्भया की मां ने लड़ी थी लड़ाई, Photos में देखें संघर्ष की कहानी
16 दिसंबर 2012, 6 लोगों ने निर्भया के साथ रेप किया, इनमें एक नाबालिग था।
222
29 दिसंबर 2012- सिंगापुर में इलाज के दौरान 13 दिन बाद निर्भया ने दम तोड़ दिया।
322
2013 : पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की।
422
11 मार्च- दोषी राम सिंह ने जेल में आत्महत्या की।
522
31 अगस्त- नाबालिग को 3 साल सुधार गृह की सजा।
622
13 सितंबर- चारों दोषियों को मौत की सजा हुई।
722
13 मार्च 2014- दिल्ली हाईकोर्ट ने मौत की सजा बरकरार रखी।
822
3 अप्रैल 2016- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई।
922
5 मई 2017 - सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी।
1022
जुलाई 2018 -SC ने तीन दोषियों की रिव्यू पिटीशन खारिज की।
1122
8 नवंबर 2019- दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका लगाई।
1222
6 दिसंबर 2019- गृह मंत्रालय ने दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की।
1322
10 दिसंबर 2019- चौथे दोषी ने रिव्यू पिटीशन दाखिल की।
1422
18 दिसंबर- SC ने याचिका खारिज कर दी।
1522
7 जनवरी 2020- कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया।
1622
17 फरवरी 2020- तीसरे बार दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वॉरंट जारी किया।
1722
3 बार जारी हो चुका है डेथ वॉरंट : निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए यह तीसरी बार डेथ वॉरंट जारी हुआ है। इससे पहले 22 जनवरी और फिर 1 फरवरी को फांसी देने के लिए डेथ वॉरंट जारी हो चुका है, लेकिन दोषियों की याचिकाओं की वजह से फांसी नहीं हुई।
1822
3 मार्च को फांसी की नई तारीख तय की गई है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या इस दिन दोषियों को फांसी होगी? ऐसे में बताते हैं कि आखिर उनके पास क्या विकल्प बचे हैं। अगर बात मुकेश की करें तो उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा है। विनय की दया याचिका और क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी है। अक्षय की क्यूरेटिव और दया याचिका खारिज हो चुकी है। वहीं, पवन के पास अभी क्यूरेटिव और दया याचिका के दोनों विकल्प बचे हैं।
1922
दोषी नंबर 1 : अक्षय ठाकुर- यह बिहार का रहने वाला है। इसने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और दिल्ली चला आया। शादी के बाद ही 2011 में दिल्ली आया था। यहां वह राम सिंह से मिला। घर पर इस पत्नी और एक बच्चा है।
2022
दोषी नंबर 2 : मुकेश सिंह - निर्भया से गैंगरेप का दोषी मुकेश बस क्लीनर का काम करता था। जिस रात गैंगरेप की यह घटना हुई थी उस वक्त मुकेश सिंह बस में ही सवार था। गैंगरेप के बाद मुकेश ने निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था।
2122
दोषी नंबर 3 : पवन गुप्ता- पवन दिल्ली में फल बेंचने का काम करता था। वारदात वाली रात वह बस में मौजूद था। पवन जेल में रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है।
2222
दोषी नंबर 4 : विनय शर्मा- निर्भया का दोषी विनय जिम ट्रेनर का काम करता था। वारदात वाली रात विनय बस चला रहा था। इसने पिछले साल जेल के अंदर आत्‍महत्‍या की कोशिश की थी लेकिन बच गया।
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos