बेटे की मिली थी सड़ी हुई लाश तभी किया फैसला, 25 साल से लावारिश शवों का कर रहे अंतिम संस्कार
नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या को पद्म अवार्ड के विजेताओं की घोषणा की गई। इस साल कुल 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 16 को पद्म भूषण और 118 को पद्म श्री देने का ऐलान किया गया। हालांकि, इस साल भारत रत्न की घोषणा नहीं की गई। पद्म पुरस्कारों की लिस्ट में एक ऐसा नाम भी है, जो चर्चा का विषय बने हुए हैं। हम बात कर रहे हैं अयोध्या के शरीफ चाचा की, जिन्हें पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
मोहम्मद शरीफ अयोध्या में खिड़की अली बेग मोहल्ले में रहते हैं। वे लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करके चर्चा में रहे हैं। वे पिछले 25 सालों से यह काम कर रहे हैं। इस दौरान वे हजारों लावारिश शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं।
शरीफ चाचा द्वारा लावारिस शवों के अंतिम संस्कार करने के पीछे एक दुखद कहानी है। दरअसल, शरीफ का बेटा मेडिकल क्षेत्र में काम करता था। वह कुछ काम के लिए सुल्तानपुर गया था। यहां उसकी हत्या कर दी गई। शरीफ को 1 महीने बाद बेटे की लाश मिली।
तभी से शरीफ ने यह फैसला कर लिया कि वे लावारिश शवों का अंतिम संस्कार करेंगे। तब से ही शरीफ लावारिस शवों को ढूंढ-ढूंढकर उनका अंतिम संस्कार करते हैं।
शरीफ पेशे से साइकिल मैकेनिक हैं। ये रोजाना कब्रिस्तान और शमशान भूमि के बीच चक्कर लगाते रहते हैं और लावारिश लाश मिलने पर इनका अंतिम संस्कार करते हैं।
सम्मान मिलने के बाद शरीफ ने कहा, 'मोदी सरकार ने मेरी सेवाओं की कद्र कर मुझे सम्मानित किया। बिना किसी भेदभाव के सरकार ने निर्णय किया है। मैं चाहता हूं कि यह सरकार सत्ता में बनी रहे।'
शरीफ आमिर खान के शो सत्यमेव जयते में शिरकत कर चुके हैं। शरीफ सिर्फ मुसलमानों को ही नहीं बल्कि हिंदु, ईसाई, सिखों के शवों का भी अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं।