ऑक्सफोर्ड या कोवैक्सिन नहीं, ये बन सकती है भारत की पहली वैक्सीन; कंपनी ने मांगा इमरजेंसी अप्रूवल

Published : Dec 06, 2020, 02:41 PM IST

नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण फिर से बढ़ रहा है। इसी बीच फाइजर ने भारत में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इडिया से वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए इमरजेंसी अप्रूवल मांगा है। अगर फाइजर को मंजूरी मिल जाती है, तो यह भारत में उपलब्ध होने वाली पहली वैक्सीन हो सकती है। यही नहीं फाइजर भारत में इमरजेंसी अप्रूवल की मांग करने वाली पहली कंपनी है। 

PREV
15
ऑक्सफोर्ड या कोवैक्सिन नहीं, ये बन सकती है भारत की पहली वैक्सीन; कंपनी ने मांगा इमरजेंसी अप्रूवल

अब देखना ये है कि क्या डीसीजीआई इसे मंजूरी देती है या नहीं। वहीं, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने भी अपनी वैक्सीन बनाने के लिए अनुमति मांगी है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड वैक्सीन बना रही है।

25

क्या होता है इमरजेंसी अप्रूवल?
वैक्सीन, दवाओं, डायग्नोस्टिक टेस्ट्स और मेडिकल डिवाइसेज के लिए इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन लिया जाता है। भारत में इसके लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) रेगुलेटरी बॉडी है। CDSCO वैक्सीन और दवाओं के लिए उनकी सेफ्टी और असर के आकलन के बाद ऐसा अप्रूवल देता है। 

35

सामान्य तौर वैक्सीन को अप्रूवल मिलने में कई साल लग जाते हैं। लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए आपातकालीन स्थितियों में दुनियाभर के कई देशों में वैक्सीन और दवाइयों के इस्तेमाल की मंजूरी दी है। 

45

फाइजर ने भारत में 4 दिसंबर को अप्रूवल मांगा है। इस वैक्सीन को जर्मन की कंपनी बायोएनटेक ने बनाया है। इस वैक्सीन का अभी तक भारत में ट्रायल नहीं हुआ है। हालांकि, अन्य देशों में ट्रायल के आधार पर इसे 95% तक असरदार बताया जा रहा है।   

55

इससे पहले फाइजर को ब्रिटेन और बहरीन में इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि, कंपनी के सीईओ का कहना है कि अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि जिन्हें ये वैक्सीन लगाई जाएगी, उनसे संक्रमण आगे फैलेगा या नहीं। उन्होंने कहा, अभी इस बारे में जांच की जरुरत है। 

Recommended Stories