PM Modi करेंगे World class station का उद्घाटन, देखिए अंदर से कैसा दिखता है Rani Kamlapati Railway Station

Published : Nov 14, 2021, 05:44 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) 15 नवंबर को मध्य प्रदेश दौरे के दौरान पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Rani Kamlapati Railway Station) का उद्घाटन करेंगे। गोंड साम्राज्य की बहादुर और निडर रानी कमलापति के नाम पर पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन देश का पहला विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन है।  जनजातीय गौरव दिवस से पहले राज्य सरकार ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया है। इस स्टेशन का नाम गोंड रानी कमलापति के नाम पर किया गया है। आइए फोटो के जरिए देखते हैं कैसा दिखता है कमलापति रेलवे स्टेशन।   

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PM Modi करेंगे World class station का उद्घाटन, देखिए अंदर से कैसा दिखता है Rani Kamlapati Railway Station

पीएम मोदी करेंगे शुभारंभ
प्रधानमंत्री मोदी मध्य प्रदेश में रेलवे की कई पहलों को राष्ट्र को समर्पित करेंगे जिनमें गेज परिवर्तित और विद्युतीकृत उज्जैन-फतेहाबाद चंद्रावतीगंज ब्रॉड गेज खंड, भोपाल-बरखेड़ा खंड में तीसरी लाइन, गेज परिवर्तित और विद्युतीकृत मथेला-निमाड़ खीरी ब्रॉड शामिल है। गेज खंड और विद्युतीकृत गुना-ग्वालियर खंड। प्रधानमंत्री उज्जैन-इंदौर और इंदौर-उज्जैन के बीच दो नई मेमू ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे।

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नवनिर्मित स्टेशन पर यात्रियों को अब शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, हॉस्पिटल, मॉल, स्मार्ट पार्किंग समेत कई अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। 
 

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वर्ल्ड क्लास स्टेशन हबीबगंज का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन कर दिया गया है। यहां स्टेशन के अंदर प्रवेश करते ही यात्रियों को एयरपोर्ट जैसा फील होगा। 

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रानी कमलापति रेलवे स्टेशन देश का पहला ISO-9001 सर्टिफाइड रेलवे स्टेशन है। जुलाई 2016 में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत इस स्टेशन के आधुनिकीकरण के लिए पहला अनुबंध किया गया था। 

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स्टेशन पर मॉडर्न टॉयलेट, क्वॉलिटी फूड, म्यूजियम और गेमिंग जोन बनाया गया है। यात्रियों को फ्री वाई-फाई मिलेगा। स्टेशन की बिल्डिंग को एनवॉयरनमेंट फ्रेंडली बनाया गया है। 

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 हबीबगंज रेलवे स्टेशन अब इतिहास हो गया है। अब यह स्टेशन रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन के आते ही स्टेशन पर नाम बदलना शुरू हो गया है। 

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 प्लेटफॉर्म पर ऐसी टाइल्स लगाई गई हैं, जिन पर पैर नहीं फिसलतें। जगह-जगह वाटर बूथ लगाया गया है। स्टेशन पर बेहतर वेंटिलेशन, री-साइकिलिंग के बाद पानी का फिर से उपयोग, सौर ऊर्जा का उपयोग और बारिश के पानी का फिर से उपयोग किया जा सकेगा।

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