राजनीति में नहीं बल्कि बादलों के बीच उड़ना चाहते थे राजीव गांधी, जानें इंटरेस्टिंग बातें

नई दिल्ली. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज यानी की 20 अगस्त को 75वीं बर्थ एनीवर्सरी है। वो भारत के 7वें प्रधानमंत्री थे, लेकिन इससे पहले वो एक पायलट थे। राजनीति में उन्होंने आने के बारे में नहीं सोचा था। रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि राजीव को फोटोग्राफी और बादलों के बीच उड़ने का शौक था। राजनीति में आने से पहले वो ऐयरलाइन्स में बतौर पायलट कार्यरत थे। उनकी बर्थ एनीवर्सरी पर उनसे जुड़ी इंटरेस्टिंग बातें बता रहे हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 20, 2020 5:16 AM IST
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राजनीति में नहीं बल्कि बादलों के बीच उड़ना चाहते थे राजीव गांधी, जानें इंटरेस्टिंग बातें

20 अगस्त, 1944 को जन्में राजीव गांधी भारत के पहले युवा प्रधानमंत्री थी, जिन्होंने 40 साल की उम्र में ये पदभार संभाला था। बता दें, वो 1984 में भारत के 7वें पीएम बने थे। 
 

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राजीव गांधी को गाने सुनने का बहुत शौक था वो वेस्टर्न, क्लासिकल और मॉडर्न म्यूजिक सुनना पसंद करते थे। इसके अलावा वो रेडियो भी सुना करते थे और फोटोग्राफी का शौक था। 
 

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बताया जाता है कि राजीव गांधी को प्लेन उड़ाने का बहुत पसंद था। इसी के चलते उन्होंने दिल्ली आकर पायलट की ट्रेनिंग ली और इसके बाद इंडियन एयरलाइन्स के साथ काम करना शुरू कर दिया था। 
 

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राजीव गांधी के फील्ड ऑफ इंटरेस्ट को देखा जाए तो इससे साफ पता चलता है कि उन्हें राजनीति में इंटरेस्ट नहीं था। लेकिन हालात कुछ ऐसे बने कि उन्हें राजनीति में आना पड़ा। दरअसल, राजीव के छोटे भाई संजय गांधी की मौत एक प्लेन क्रैश में हुई थी। इसी के चलते उन्होंने राजनीति में एंट्री की और भाई की सीट अमेठी से 1981 में इलेक्शन लड़े। यहीं से उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ।
 

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राजीव गांधी की सोनिया गांधी से मुलाकात लंदन में 1968 में हुई थी। बता दें, सोनिया गांधी असली नाम एडविग एंटोनियो अल्बिना माइनो था। इनका नाम दिल्ली आने के बदल दिया गया था। 
 

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राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने अमेठी से लोकसभा इलेक्शन लड़ा था। इस चुनाव में उन्हें 533 सीट में से 404 सीट पर जीत मिली थी।

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बतौर प्रधानमंत्री राजीव गांधी के काम को लोग आज भी याद करते हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद राजीव गांधी ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की थी। इसके तहत भारत में हाइअर एजुकेशन को मॉर्डन बनाना था।  
 

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18 साल की उम्र में मतदान देने का अधिकार राजीव गांधी की ही देन थी। इसके साथ ही उन्होंने देश को पंचायती राज व्यवस्था से भी रूबरू कराया। वो युवाओं की आवाज बने और उनकी हिम्मत बढ़ाई। 
 

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देश के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिल सके इसके लिए उन्होंने जवाहर रोजगार योजना शुरू की थी। बता दें, उन्हें उनके कामों को लिए 1991 में भारत रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। रिपोर्ट्स की मानें तो 21 मई, 1991 को राजीव गांधी की उनके बॉडीगार्ड द्वारा हत्या कर दी गई थी।  
 

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