कोरोना से लड़ने वाले वह 'हीरो', जो अटल जी से लेकर नेपाल के CM तक का कर चुके हैं इलाज, पिता एम्स के डीन थे

नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बीच एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कई बार कोरोना के खतरे को लेकर अलर्ट किया है। उन्होंने पहले ही कह दिया था कि जून में कोरोना के केस में तेजी से बढ़ोतरी होगी। हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि दो से तीन महीने में कोरोना की दवा आ जाएगी। ऐसे में बताते हैं कि आखिर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया कौन हैं? उन्होंने मेडिकल के क्षेत्र में क्या-क्या काम किया है?

Asianet News Hindi | Published : Jun 7, 2020 9:23 AM IST / Updated: Jun 07 2020, 04:17 PM IST
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कोरोना से लड़ने वाले वह 'हीरो', जो अटल जी से लेकर नेपाल के CM तक का कर चुके हैं इलाज, पिता एम्स के डीन थे

कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टर गुलेरिया को हीरो को रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने एक महीना पहले ही बता दिया था कि जून और जुलाई में कोरोना के केस तेजी से बढ़ेंगे। ऐसा दिख भी रहा है। इसके अलावा जब गुजरात में कोरोना के केस बढ़े तो वहां पर डॉक्टर गुलेरिया को भेजा गया। वहां पहुंचकर डॉक्टर गुलेरिया ने स्थानीय डॉक्टर्स को बताया कि कैसे कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों का इलाज किया जाए। इसका सकारात्मक परिणाम दिखा। 

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डॉक्टर रणदीप गुलेरिया को 2015 में पद्मश्री से सम्‍मानित किया गया था।
 

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पद्मश्री डॉ. गुलेरिया देश के पहले डॉक्टर हैं, जिन्होंने पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन (Pulmonary and Critical Care Medicine) में डीएम की डिग्री हासिल की थी।

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डॉक्टर गुलेरिया ने चंडीगढ़ (Chandigarh) के पोस्ट ग्रेज्युएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Post Graduate Institute of Medical Education and Research) (PGIMER) से डॉक्टर की पढ़ाई की है। उन्‍होंने 1992 में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन ज्‍वाइन किया था।
 

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डॉक्टर गुलेरिया को एम्स में देश का पहला पल्मोनरी मेडिसिन एंड स्लीप डिस्‍ऑर्डर सेंटर शुरू करने का श्रेय दिया जाता है। इस सेंटर की शुरुआत 2011 में की गई थी। डॉ. गुलेरिया के पिता जगदेव सिंह गुलेरिया एम्स के डीन रह चुके हैं। ये उस दौर की बात है जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गोली लगने के बाद एम्स में भर्ती किया गया था।

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भारत सरकार ने उन्‍हें रेस्पिरेट्री मसल फंक्शन, लंग्स कैंसर, अस्थमा, सीओपीडी में योगदान और 400 से अधिक नेशनल व इंटरनेशनल पब्लिकेशंस में प्रकाशित रिसर्च के लिए 2015 में पद्मश्री से सम्‍मानित किया था। इसके अलावा भारत में नई बीमारियों का पता लगाने और नेशनल लेवल पर एंटीबायोटिक के रसिस्टेंस को कंट्रोल करने वाली कमेटी के मेंबर भी हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति संबंधी समिति (ACC) ने डॉक्टर गुलेरिया को 5 साल के लिए एम्स का निदेशक नियुक्त किया गया। डॉक्टर रणदीप गुलेरिया वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) में 2010-13 तक एडवाइजर भी रह चुके हैं। 1998 से अटल बिहारी वाजपेई के पर्सनल फिजिशियन हैं। इसके अलावा भारत सरकार ने इन्हें कई बड़ी पर्सनैलिटी को सेहतमंद रखने का जिम्मा दिया है।

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डॉक्टर गुलेरिया के पिता जगदेव सिंह गुलेरिया (Jagdev Singh Guleria) एम्स के डीन रह चुके हैं। 
 

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डॉक्टर गुलेरिया को 298 रिसर्च और 36 किताबों के लिए राज नंदा ट्रस्ट और रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन लंदन की ओर से फेलोशिप दी जा चुकी है।
 

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डॉक्टर गुलेरिया ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का इलाज किया था। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का भी इलाज इन्हीं की देखरेख में हुआ।
 

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डॉक्टर गुलेरिया ने भारतीय नेताओं के अलावा नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोईराला (Sushil Koirala) का भी इलाज कर चुके हैं। 
 

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एक न्यूज चैनल से बात करते हुए गुलेरिया ने कहा, 2-3 महीने में कोरोना की कोई न कोई दवा बन जाएगी। बिना लक्षण वाले रोगी को अस्पताल में भर्ती होना जरूरी नहीं है। उनको घर में अलग-थलग रहना चाहिए। 99% मामलों में बिना लक्षण वाले रोगी ऐसे ही ठीक हो जाते हैं।
 

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