वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में डॉक्टर वर्मा ने बताया कि ऑपरेशन काफी कठिन था और लंबा चला। लेकिन, विशेषज्ञ सर्जन डॉ पवन सिंह, डॉ आशीष पुरी, डॉ राधा रमन अवस्थी और खुद उन्होंने बड़ी सावधानी से धीरे-धीरे यह सब निकाला। लोहे की कुछ वस्तुएं हार्ट के बिल्कुल बगल में थी। ऐसे में कुछ भी हो सकता था। लगभग ढाई घंटे चले ऑपरेशन की सफलता के बाद डॉक्टरों ने राहत की सांस ली। (प्रतीकात्मक फोटो)