Published : Feb 01, 2020, 10:56 AM ISTUpdated : Feb 01, 2020, 11:09 AM IST
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट 2020-21 पेश कर रही है। वित्त मंत्रालय के पांच विभाग हैं, जिनका बजट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह हैं आर्थिक, राजस्व, व्यय, वित्तीय, निवेश एवं पब्लिक एसेट प्रबंधन। इन विभागों के अधिकारीऔर सरकार के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर और प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर मिलकर बजट तैयार करते हैं। ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की उस टीम के बारे में बताते हैं, जिन्होंने बजट तैयार किया।
इन 7 अधिकारियों ने बजट तैयार करने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मदद की। बजट 2020-21 में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
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संजीव सान्याल, प्रिंसिपल इकोनॉमिक एडवाइजर- इतिहासकार और अर्थशास्त्री संजीव सान्याल व्यापार और वाणिज्य के मुद्दों पर बनी समिति में भी रहे हैं। उनका बजट के साथ आर्थिक सर्वेक्षण तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
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टीवी सोमनाथन, व्यय सचिव - सोमनाथन 1987 बैच के तमिलनाडु काडर के अधिकारी हैं। हाल ही में वह व्यय सचिव बने हैं। साल 2015 से 2017 के बीच वह पीएमओ में भी काम कर चुके हैं।
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तुहिन कांत पांडे, डीआईपीएएम सचिव- तुहिन कांत 1987 बैच के ओडिशा काडर के अधिकारी हैं। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती इस वित्त वर्ष में विनिवेश में 1.05 लाख करोड़ रुपए जुटाने में सरकार द्वारा तय लक्ष्य को पूरा करना है। तुहिन कांत पांडे एयर इंडिया, भारत पेट्रोलियम, शिपिंग कॉर्पोरेशन जैसी कंपनियों के निजीकरण को सुनिश्चित करना है।
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अतनु चक्रवर्ती, आर्थिक मामलों के सचिव- अतनु चक्रवती ने बजट तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1985 बैच के गुजरात काडर के आएएस अधिकारी पिछले साल सरकार के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने में मदद की थी।
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अजय भूषण पांडेय, राजस्व सचिव- आधार कार्ड परियोजना को साकार करने वाली यूनिक आअडेंटिफिकेशन अथॉरिटी में अजय भूषण की महत्वपूर्ण भूमिका थी। 1984 बैच के महाराष्ट्र काडर के आईएएस अधिकारी हैं। राजीव कुमार के रिटायरमेंट के बाद वह वित्त विभाग के सचिव बन सकते हैं।
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राजीव कुमार, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव- सार्वजनिक बैंकों के विलय, कर्जों पर अकुश ऐसे कई मोदी सरकार के प्रमुख एजेंडों में राजीव कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका है। वह वित्त मंत्रालय के पांच सचिवों में से सबसे सीनियर हैं। 1984 बैच के झारखंड काडर के आईएएस अधिकारी राजीव कुमार के कार्यकाल के दौरान ही बैकों में 2.1 लाख करोड़ रुपए की रीकैपिटलाइजेशन कार्यक्रम की घोषणा की। फरवरी के अंत तक वह रिटायर हो सकते हैं।
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के सुब्रमण्यन, मुख्य आर्थिक सलाहकार- कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन को रघुराम राजन ने पढ़ाया है। अमेरिका के शिकागो यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने से पहले आईआईटी कानपुर, आईआईएम और कोलकाता से पढ़ाई की है। वह सेबी और रिजर्व बैंक की कई एक्सपर्ट कमेटी में रह चुके हैं। उन्होंने 2010-20 का आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया।