5,500 करोड़ के घोटाले की SHOCKING कहानी, 20 रुपए के नोट ने बिगाड़ दिया वर्षों का 'खेल'

Published : Feb 24, 2021, 04:44 PM ISTUpdated : Feb 25, 2021, 10:08 AM IST

पश्चिम बंगाल की पॉलिटिक्स में 5500 करोड़ रुपए के कोयला घोटाले ने 'आग' सुला दी है। इस घोटाले ने राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बवंडर पैदा कर दिया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो(CBI) ने 21 फरवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक और उनकी पत्नी रुजिरा को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था। 22 फरवरी को रुजिरा से CBI ने 1.40 मिनट पूछताछ की। बता दें कि इस घोटाले का पर्दाफाश 20 रुपए के एक नोट से हुआ था। यह नोट कोयले से लदे ट्रकों के साथ भेजी जाने वाली फर्जी एनवॉयस बिल पर चिपका दिया जाता था। यह ट्रकों का पासिंग कोड होता था। जानिए कोयला घोटाले की पूरी कहानी...  

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5,500 करोड़ के घोटाले की SHOCKING कहानी, 20 रुपए के नोट ने बिगाड़ दिया वर्षों का 'खेल'

इस घोटाले का पर्दाफाश 20 रुपए के नोट से हुआ था। जांच में पता चला कि जब पश्चिम बंगाल से कोयला खदान से कोयला लदे ट्रक जब बिहार, झारखंड आदि राज्यों को भेजे जाते थे, तब उनकी फर्जी इनवॉयस बिल पर 20 रुपए का नोट चिपका दिया जाता था। यह ट्रकों की पासिंग का कोड होता था। लेकिन नवंबर, 2020 में भारत-बांग्लादेश की सीमा पर इस तस्करी का भंडाफोड़ा हो गया।


(इनसेट-अभिषेक बनर्जी और रुजिरा)

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पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले का आसनसोल और रानीगंज का इलाका कोयलाचंल के नाम से जाना जाता है। मई 2020 में ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड(ECL) की विजिलेंस टीम को भनक लगी थी कि यहां से बड़ी मात्रा में कोयले को बाजार में अवैध तरीके से बेचा जा रहा है। ECL की विजिलेंस ने जब चेकिंग की, तो सबकुछ व्यस्थित दिखा। यानी सबकुछ नियमों अनुसार चलता दिखाई दिया। दरअसल, यह अवैध कोयला उन खदानों से निकाला जाता था, जो असुरक्षित मानकर बंद कर दी गई थीं।

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घोटाले की भनक जब CBI तब पहुंची, तब पड़ताल की गई। इस तरह 27 नवंबर, 2020 को ECL के कई अधिकारियों और कर्मचारियों (जिनमें-मुख्य अभियुक्त अनूप मांझी उर्फ लाला, विनय मिश्र, ईसीएल के दो महाप्रबंधकों और सुरक्षा अधिकारियों समेत छह लोगों के नाम शामिल हैं)  के खिलाफ FIR दर्ज की गई। इसमें अनूप मांझी कोयलांचल में कोयला तस्करी का गिरोह चलाता था। वहीं, विनय मिश्रा TMC की युवा शाखा का सदस्य रहा है। वो अभिषेक का करीबी माना जाता है। हालांकि लाला और मिश्रा दोनों अभी फरार हैं। CBI को शक है कि घोटाले से जुड़ा संदिग्ध लेन-देन अभिषेक की पत्नी रुजिरा और उनकी बहन मेनका के खाते से किया गया।
 

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रुजिरा का सबसे पहले नाम TMC छोड़कर भाजपा में आए पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने 2 फरवरी को उजागर किया था। उन्होंने 'मैडम नरूला' यानी रुजिरा पर आरोप लगाए थे और थाइलैंड में उनके खातों का जिक्र किया था।
 

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इस मामले में रुजिरा की कंपनी  LEAPS & BOUNDS MANAGEMENT Services LLP जांच के दायरे में है। यह कंपनी मार्च, 2017 में बनाई गई थी। अभिषेक ने यह कंपनी अपनी मां के नाम पर बनाई थी। इसमें रुजिरा, मेनका, पिता अमित बनर्जी पार्टनर और निदेशक हैं।

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जांच में सामने आया है कि अनूप मांझी का एक दाहिना हाथ है- जॉयदेब मंडल। इनका अवैध कोयला का साम्राज्य 20000 करोड़ का बताया जाता है। इनके खिलाफ पहले भी केस दर्ज होते रहे हैं। 2006 में भी इनके खिलाफ एक मामले में पुलिस ने छापा मारा था, लेकिन ये पकड़ में नहीं आए। ये 15 साल से अंडरग्राउंड जीवन गुजार रहे हैं। जब भी इनके खिलाफ पुलिस एक्शन लेती, ये विदेश भाग जाते थे। इस समय ये कहां है, किसी को नहीं पता।


(जांच के दौरान सीबीआई टीम ममता के घर पर)

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