शिमला. हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भूस्खलन(Kinnaur landslide) ने पर्यावरणविदों (environmentalists) से लेकर सरकार तक को सोचने पर विवश कर दिया है। किन्नौर हादसे में शुक्रवार को 2 और बॉडी मिलीं। इस लैंडस्लाइड में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। आखिर पहाड़ क्यों दरक रहे हैं? इस पर लोकल न्यूज वेबसाइट himachalabhiabhi.com ने एक आंकड़ा दिया है। इसके अनुसार अंधाधुंध पेड़ों की कटाई और विकास के लिए पहाड़ों को काटना इन हादसों की वजह बनता जा रहा है। अकेले किन्नौर क्षेत्र में सतलुज नदी के बेसिन में 22 पनबिजली प्रोजेक्ट्स का निर्माण हुआ है। इसके अलावा सड़कों को चौड़ा करने के लिए भी पहाड़ खोखले किए गए। पिछले 8 साल में हिमाचल प्रदेश में 428 लोगों की इस हादसे में जान जा चुकी है।