ये अभिनंदन कभी लौट कर नहीं आएगा... कॉन्स्टेबल रतनलाल की मौत पर लोगों का यूं छलका दर्द

नई दिल्ली. पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में भजनपुरा, मौजपुर, बाबरपुर में सोमवार को हिंसा हुई थी। हिंसा में गोकुलपुरी में तैनात हेड कॉन्सटेबल रतन लाल ने अपनी जान गंवा दी। इसके अलावा 4 और लोगों ने हिंसा में जान गई है। सोशल मीडिया पर यूजर रतनलाल को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इतना ही नहीं रतनलाल को लोग दूसरा अभिनंदन भी बता रहे हैं। इसका एक कारण है उनकी मूंछ। दरअसल, रतनलाल की मूंछ भी विंग कमांडर अभिनंदन की तरह ही थीं। लोग लिख रहे हैं कि ये अभिनंदन कभी लौट कर नहीं आएगा।

Asianet News Hindi | Published : Feb 25, 2020 4:32 AM IST / Updated: Feb 25 2020, 10:08 AM IST

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ये अभिनंदन कभी लौट कर नहीं आएगा... कॉन्स्टेबल रतनलाल की मौत पर लोगों का यूं छलका दर्द
दरअसल, पिछले साल पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के बाद भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। इस हमले के बाद पाकिस्तानी वायुसेना के एफ-16 विमान भारत की सीमा में दाखिल हुए थे।
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इन विमानों को भारतीय वायुसेना ने खदेड़ दिया था। विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग 21 विमान से पाकिस्तान के आधुनिक विमान एफ 16 को मार गिराया था। हालांकि, इस दौरान वे पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे। हालांकि, कूटनीतिक दवाब के चलते पाकिस्तान को 1 दिन के अंदर उन्हें छोड़ना पड़ा था।
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वहीं, रतनलाल प्रदर्शनकारियों द्वारा किए हमले में मारे गए। उनके परिजनों ने उन्हें शहीद घोषित करने की मांग की है। उधर, सोशल मीडिया पर भी लोग उन्हें लेकर काफी संदेश लिख रहे हैं।
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हितेश सियाल नाम के यूजर ने लिखा, वो बचा तो लाए दूसरों से अभिनंदन को, पर बचा ना सके अपनो से ही रतन को।
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एक अन्य यूजर ने लिखा, माफ कीजिए रतनलाल हम आपको नहीं बचा सके।
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कौन थे रतनलाल? हेड कॉन्सटेबल रतन लाल राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे। वे 1998 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए। वर्तमान में उनकी तैनाती गोकुलपुरी सब डिवीजन के एसीपी अनुज के ऑफिस में थी।
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रतनलाल के तीन बच्चे हैं। उन्हें सोमवार को बुखार था, इसके बावजूद वे ड्यूटी पर गए थे। रतनलाल की पत्नी पूनम को पति की मौत की जानकारी टीवी पर पता चली। शुरुआत में पुलिस की ओर से बताया गया था वे जख्मी हैं। हालांकि, अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
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जाफराबाद में रविवार को कुछ महिलाएं नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन करने बैठी थीं। इसी दौरान मौजपुर में नागरिकता कानून के समर्थन में कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया। इसी बीच CAA का समर्थन और विरोध करने वाले दो पक्षों में झड़प हो गई थी। इसी तरह सोमवार को भी दो पक्षों में झड़प के बाद हिंसा फैली थी।
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