खुद से भी मिल न सको, इतने पास मत होना
इश्क़ तो करना, मगर देवदास मत होना
कुमार विश्वास की शुरुआती शिक्षा पिलखुआ के लाला गंगा सहाय स्कूल से हुई। इनके पिता डॉ. चंद्रपाल शर्मा चाहते थे कि वे इंजीनियर बनें। लेकिन कुमार ने बीच में इंजीनियरिंग छोड़ दी। फिर हिंदी साहित्य में गोल्ड मैडल के साथ ग्रेजुएशन किया।