खून से सनी सड़कें, इधर उधर बिखरे थे शहीदों के शव; खौफनाक मंजर देख हर किसी की आंख में थे आंसू
नई दिल्ली. 14 फरवरी यानी शुक्रवार को पुलवामा हमले की पहली बरसी है। 14 फरवरी 2019 को देश ने एक बड़ी छति उठाई थी, जिसे हम कभी नहीं भूल सकते। इस दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ काफिले पर हमला कर दिया था। इस हमले में हमारे 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। देश के हर नागरिक की आंख में आंसू थे। इस कायराना हमले का जवाब भारतीय एयरफोर्स ने पाकिस्तान के बालाकोट एयरस्ट्राइक कर दिया था। भारत के हवाई हमले में जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकाने तबाह हो गए थे। इसमें करीब 300 आतंकी भी मारे गए थे। हालांकि, आतंकियों की मौत का आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया था।
14 फरवरी को हर बार की तरह सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। सीआरपीएफ के लगभग 2,500 जवान 78 गाड़ियों में सवार थे। इसमें ज्यादातर जवान वे थे, जो छुट्टी से वापस ड्यूटी पर लौटे थे।
दोपहर 3.15 पर एक विस्फोटक से भरी कार काफिले की एक बस से टकरा जाती है। जब कोई कुछ समझ पाता, बहुत तेज धमाका होता है। इसमें 40 जवान शहीद हो गए। धमाका इतनी तेज था कि 10 किमी दूर तक आवाज सुनाई देती है।
हमला जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के अवन्तिपोरा के पास लेथपोरा में हुआ था। इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। हर तरफ लोगों की आंखों में आंसू थे। लोग सड़कों पर थे। हर जगह शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रहीं थीं।
इस हमले में उत्तरप्रदेश के 12, राजस्थान के 5, पंजाब के 4, ओडिशा के 2, महाराष्ट्र के 2, उत्तराखंड के 2 और बिहार के 2 जवान शहीद हुए थे। कुछ अन्य राज्यों के जवान भी शहीद हुए थे।
16 फरवरी को शहीदों के शवों को दिल्ली के पालमपुर एयरपोर्ट पर लाया गया था। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सेना प्रमुखों, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण समेत तमाम लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी।
इस मौके पर पीएम मोदी का दर्द और दुख उनके चेहरे पर साफ झलक रहा था। उन्होंने शहीदों के पार्थिव शरीरों का एक पूरा चक्कर लगाया था। इसके बाद उन्होंने कहा था कि शहीदों की शहादत बेकार नहीं जाएगी।
उन्होंने एक सभा में भी कहा था कि आतंकियों ने हमला करके बड़ी गलती कर दी। इसका जल्द ही जवाब दिया जाएगा। पूरा देश जवानों के परिवार के साथ खड़ा है।
साथ ही पीएम मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों से पुलवामा में शहीद हुए जवानों के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कहा था।
इसके बाद भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान से बदला लेने की तैयारी शुरू कर दीं। भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को तड़के पाकिस्तानी सीमा में घुसकर बालाकोट में बम बरसाए। यहां आतंकी संगठन जैश के ठिकाने थे।
भारतीय वायुसेना के 12 मिराज पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हुए थे। भारत ने इजरायली बम स्पाइस 2000 का इस्तेमाल कर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया।
बताया जाता है कि इस हमले में करीब 300 आतंकी मारे गए। हालांकि, पाकिस्तान और भारत की ओर से इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं बताया।
भारतीय वायसुना के विमान सिर्फ 19 मिनट में आतंकी ठिकानों को तबाह कर वापस लौट आए थे। जब तक पाकिस्तान कुछ समझ पाता भारत अपना बदला ले चुका था।
भारत की सेना ने जहां बम बरसाए थे, वहां पाकिस्तान ने आम नागरिकों का आना जाना कई दिनों तक रोक दिया था। हालांकि, बाद में इस जगह को खोला गया।