इतिहास में 5 फरवरी: भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा दिन रहने का बनाया था रिकॉर्ड

5 फरवरी, 2007 इतिहास में सुनीता विलियम्स की उपलब्धि के लिए जाना जाएगा। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अंतरराष्‍ट्रीय स्‍पेस स्‍टेशन में एक बार में 195 दिनों तक रहने का रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने शैनौन ल्यूसिड के बनाए 188 दिन और 4 घंटे के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। वे विभिन्न अभियानों में कुल 321 दिन 17 घंटे और 15 मिनट अंतरिक्ष में रहीं। सुनीता भारतीय मूल की दूसरी अंतरिक्ष महिला यात्री हैं। जबकि पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला थीं। सुनीता गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता दीपक पांडया अमेरिका में डॉक्टर हैं। सुनीता जन्म 19 सितंबर, 1965 को अमेरिका के ओहियो राज्य में यूक्लिड नगर(क्लीवलैंड) में हुआ था। सुनीता ने मैसाचुसेट्स से हाईस्कूल पास करने के बाद 1987 में संयुक्त राष्ट्र की नौसैनिक अकादमी से फिजिकल साइंस में बीएस(ग्रेजुएशन) किया। इसके बाद 1995 में फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में एमएस किया। सुनीता के माता-पिता 1958 में अहमदाबाद से अमेरिका के बोस्टन में आकर बस गए थे। जानिए आगे की कहानी...

Asianet News Hindi | / Updated: Feb 04 2021, 11:59 PM IST

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इतिहास में 5 फरवरी: भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा दिन रहने का बनाया था रिकॉर्ड

सुनीता विलियम्स का जून 1998 में अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा में चयन हुआ था। सुनीता ने 30 अलग-अलग अंतरिक्ष यानों में 2770 उड़ानें भरीं। वे 2006 में पहली बार अंतरिक्ष गई थीं। चूंकि 2003 की शुरुआत में कोलंबिया हादसा हुआ था, जिसमें कल्पना चावला सहित कई अंतरिक्ष यात्रियों को खो दिया था, इसलिए सुनीता का मिशन टलता रहा।

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सुनीता ने अपने सहपाठी रहे माइकल जे विलियम्स से शादी की। सुनीता नौसेना पोत चालक, हेलिकॉप्टर पायलट, पेशेवर नौसैनिक, गोताखोर, तैराक, मैराथन धावक आदि में भी परिपक्व रही हैं।
(अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ)

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2008 में भारत सरकार ने सुनीता विलियम्स को साइंस और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया था। सुनीता ऐसी पहली अंतरिक्ष यात्री रही हैं, जिन्होंने 50 घंटे तक स्पेस वॉक करने का रिकॉर्ड बनाया था। यह वॉक स्पेस शटल या इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (आइएसएस) में नहीं, बल्कि बाहरी स्पेस में था।
(जब विलियम्स भारत आई थीं, तब ताजमहल देखने गई थीं)

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एक इंटरव्यू में सुनीता ने बताया था कि अंतरिक्ष यान में बैठकर स्‍पेस में पहुंचने में सिर्फ 10 मिनट का समय लगता है। इसके बाद आंखों के सामने शानदार दृश्य होता है। पहली बार जब वो स्पेस में गईं, तब कुछ देर बाद कमांडर ने उन्हें बुलाया और खिड़की के बाहर झांककर देखने को कहा। उन्होंने देखा कि पृथ्वी का दूसरा हिस्सा नीला और सफेद दिख रहा था।

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मई, 2020 में सुनीता विलियम्स ने कोरोना के चलते अमेरिका में फंसे भारतीय छात्रों को एक सीख दी थी। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में लोग अपने समाज के लिए सार्थक और सकारात्मक योगदान दे सकते हैं। 2007 में सुनीता विलियम्स ने भारत का दौरा भी किया था। जून, 2016 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका यात्रा पर गए थे, तब वे सुनीता विलियम्स से भी मिले थे।

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