स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के वो 6 बयान, जिन्होंने देश की सियासत में मचा दी खलबली, PM तक को नहीं बख्शा

Published : Sep 11, 2022, 06:43 PM ISTUpdated : Sep 11, 2022, 06:44 PM IST

Shankaracharya Swami Swaroopanand saraswati Death: शारदा एवं द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती रविवार 11 सितंबर को ब्रह्मलीन हो गए। वे 99 साल के थे। उन्होंने मध्य प्रदेश में नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में दोपहर साढ़े 3 बजे अंतिम सांस ली। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती अपने बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहते थे। फिर चाहे राम मंदिर मुद्दे को लेकर बीजेपी-विहिप को घेरना हो या मोदी सरकार के फैसले, वो हमेशा अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते थे। आइए जानते हैं उनके कुछ ऐसे ही बयानों के बारे में। 

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स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के वो 6 बयान, जिन्होंने देश की सियासत में मचा दी खलबली, PM तक को नहीं बख्शा

1- राम मंदिर पर दिया था बड़ा बयान : 
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 6 फरवरी 2021 को एक बयान दिया था। मीडिया से बातचीत के दौरान शंकराचार्य ने कहा था कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर नहीं बन रहा है। वहां आने वाले दिनों में विश्व हिंदू परिषद का कार्यालय बनेगा। मंदिर वो बनाते हैं, जो राम को मानते हैं। राम को आराध्य मानते हैं। राम को महापुरुष मानने वाले लोग मंदिर नहीं बनाते। इतना ही नहीं, उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन पर भी सवाल उठाया था। 

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2- केंद्र के नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर कही थी ये बात : 
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने केंद्र सरकार के नमामि गंगे प्रोजेक्ट को लेकर कहा था कि केवल विभाग बना देने से काम नहीं चलेगा। गंगा जल को शुद्ध करने पर काम नहीं हुआ है। कल्पवासी क्षेत्र में गंगा के किनारे रहने वाले लोग अब बोतलबंद पानी पी रहे हैं।

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3- ताजमहल के नीचे शिवलिंग : 
2015 में शंकराचार्य ने आगरा में ताजमहल के नीचे शिवलिंग होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि ताजमहल के नीचे भगवान शिव का मंदिर है। इसे भक्तों के लिए खोला जाना चाहिए। उन्होंने ताजमहल के नीचे के दो मंजिलों को खोलने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि हिंदू यहां पूजा-अर्चना कर सकें, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए।

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4- बेटियों को तर्पण का अधिकार देने का विरोध :  
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती बेटियों को तर्पण का अधिकार देने का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि लड़कियां अपने मां-बाप की संपत्ति पर हक जताने के लिए उनका दाह संस्कार और पिंडदान करती हैं। लड़कियों के लिए ऐसे कर्मकांड धर्म शास्त्रों के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा था कि बेटियों की ओर से इस प्रकार के कर्मकांड से घरों में विवाद बढ़ा है। उन्होंने कहा था कि पितरों को तृप्ति तब मिलती है, जब उनका पुत्र या पौत्र या फिर पुत्री का बेटा दाह संस्कार और तर्पण करता है। 

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5- मंदिरों में साईंबाबा की पूजा सनातन का अपमान :
2015 में प्रयागराज में आयोजित माघ मेले के दौरान शंकराचार्य ने कहा था- साईं बाबा का नाम चांद मियां था। वो मुस्लिम थे। आज मंदिरों में देवी-देवताओं की मूर्तियां उनके चरणों में रखी हुई हैं। यह सनातन धर्म का अपमान है। शिर्डी के साईं ट्रस्ट ने हिंदुओं को ठगकर 13 अरब से ज्यादा रुपए बनाए हैं।

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6- पीएम मोदी पर भी साधा निशाना : 
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी कई बार निशाना साधा। उन्होंने कहा था कि जब से मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तब से वे आरएसएस के मूल स्वरूप को बिगाड़ने में लगे हुए हैं। उन्होंने आरएसएस द्वारा हिंदुओं की बात करने और ईद मिलन समारोह जैसे आयोजन करने पर भी सरकार को घेरा था। 

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