चमोली की घटना ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है। जिस जगह से ग्लेशियर टूटा, अब वहां मलबे के कारण ऋषिगंगा नदी के पानी का बहाव रुक गया है। इससे एक झील बनती जा रही है। अगर भविष्य में यह झील फूटी, तो फिर विनाश आएगा। जिस जगह पर यह ग्लेशियर टूटा था, वो हिमालय का ऊपरी हिस्सा है। इसे रौंटी पीक के नाम से जाना जाता है। ग्लेशियर टूटने के बाद वो सीधे ऋषिगंगा नदी में नहीं गिरा। वो अपने साथ मलबा लेकर रौंटी स्ट्रीम में आकर गिरा। यह जगह ऋषिगंगा से थोड़ा अलग है। हालांकि रौंटी स्ट्रीम का बहाव आगे जाकर ऋषिगंगा में जाकर मिलता है। ग्लेशियर टूटने के बाद रौंटी स्ट्रीम और ऋषिगंगा के संगम पर गाद और मलबा जमा हो गया है। यानी यहां अस्थायी तौर पर प्राकृतिक बांध बन गया है। यानी ऋषिगंगा का बहाव रुक चुका है। पहाड़ी से जो पानी नीचे आ रहा है, वो रौंटी स्ट्रीम का है।
(ग्लेशियर टूटने की बाद की तस्वीर, इनसेट घटना के बाद नजर बनाए हुए रेस्क्यू टीम)