The sinking saga of Joshimath: दशकों से तिनका-तिनका जोड़कर घर बनाने वाले देखते ही देखते बेघर हो रहे। उनकी आंखों के सामने जिंदगियां उजड़ रहीं। आजिविका पर संकट आ खड़ा हुआ है। डूब रहे जोशीमठ के साथ ही हजारों लोगों के सपनों को भी ग्रहण लग रहा है। दरअसल, जोशीमठ की कहानी, एक ऐसे त्रासदी की कहानी है जो एक नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र पर हावी होने की मनुष्य की व्यर्थ की इच्छा को सामने ला रही है। यह एक अलार्म है, उन सभी के लिए जो प्रकृति के बनाए तंत्र में सेंधमारी करने को विकास का पैमाना बताने लगे हैं। हालांकि, जोशीमठ की त्रासदी कोई अंत नहीं बल्कि एक चेतावनी है संभलने के लिए, वर्ना आने वाले दिनों में न जाने कितनी त्रासदियों से सामना हो सकता।