जोशीमठ। उत्तराखंड का पहाड़ी शहर जोशीमठ (Joshimath) डूबने की कगार पर है। सड़क से लेकर घरों तक में पड़ी दरारें और उनसे रिसता पानी लोगों के दिलों में खौफ भर रहा है। डर है कि कहीं यह शहर अचानक ताश के पत्तों की तरह ढह न जाए। इसके डूबने का सबसे बड़ा कारण यहां की जियोग्राफी से जुड़ा है। 1976 से ही इस शहर में खतरे की घंटी बज रही है। यह शहर पर्यटन के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। बद्रीनाथ, औली, फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब जाने वाले पर्यटक यहां रात में विश्राम करते हैं। इसके साथ ही जोशीमठ भारतीय सशस्त्र बलों के लिए भी बहुत अधिक सामरिक महत्व का है। यहां सेना की सबसे महत्वपूर्ण छावनियों में से एक स्थित है। आगे पढ़ें पूरी खबर...