भारत के 10 सबसे ठंडे स्थानः कहीं पीने के लिए पिघलाना पड़ता है पानी-कहीं हथौड़ी से तोड़ना पड़ता है टमाटर

नई दिल्ली. देश में इस समय सर्दी बेरहम हो गई है। पहाड़ी इलाकों में हुई बर्फबारी से कुछ जगहों पर सर्दी इस कदर बढ़ गई है कि वहां लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है।  खासतौर से दक्षिण भारत कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां क्रूर ठंडी हवाओं और गिरते तापमान के कारण भीषण ठंड पड़ रही है। इनमें कई स्थान ऐसे भी हैं जो इसी कारण से सैलानियों को भी अपनी ओर आकर्षित करते हैं। आज हम आपको देश के ऐसे ही 10 स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां भीषण ठंड पड़ती है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 23, 2020 7:16 AM IST

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भारत के 10 सबसे ठंडे स्थानः कहीं पीने के लिए पिघलाना पड़ता है पानी-कहीं हथौड़ी से तोड़ना पड़ता है टमाटर

सियाचिन ग्लेशियर- ये भारत की सबसे ठंडी जगह है। करीब 5,753 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस जगह का तापमान जनवरी में -50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। भारत-पाकिस्तान के कई सैनिक इस जानलेवा ठंड से सामना करते हुए यहां तैनात रहते हैं। इंटरनेट पर ऐसी कई वीडियोज मौजूद है जहां सैनिक बर्फ से जमे अंडे, टमाटर और जूस को हथौड़ी से तोड़ते नजर आए हैं। यहां की विपरीत परिस्थितियों में अब तक हजारों सैनिक जान गंवा चुके हैं। 
 

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लाचेन और थांगु घाटी- सिक्किम के उत्तरी भाग में स्थित लाचुन और थांगु घाटी एक बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट है। करीब 2,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस जगह का जनवरी में औसत तापमान -10 से -15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। यहां होने वाला भारी स्नो फॉल घाटी में बेरहम सर्दी का गवाह बनता है। इसके अलावा यहां पूरे साल तापमान जीरो डिग्री के आसपास ही रहता है। बताया जाता है कि यहां पर जलश्रोतों का पानी अक्सर जम जाता है। पीने के पानी के लिए लोगों को बर्फ पिघलानी पड़ती है। 

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तवांग- अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भी भीषण ठंड पड़ती है। टूरिस्ट के बीच ये जगह काफी फेमस भी है। सर्दी के मौसम में होने वाले भारी स्नो फॉल और हिमस्खलन के चलते इस ऑफबीट टूरिस्ट डेस्टिनेशन में गिना जाता है। ये भारत की सबसे खतरनाक और ठंडी जगहों में से एक है। सर्दी के मौसम में इस जगह का तापमान -15 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। यहां भी पीने के पानी के लिए बर्फ पिघलाने वाली स्थिति बनती है। 

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करगिल- साल 1999 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए करगिल युद्ध के अलावा ये जगह सबसे ठंडे इलाके के रूप में भी पहचानी जाती है। श्रीनगर-लेह हाइवे पर 3,325 मीटर की ऊंचाई पर स्थित करगिल भारत-पाकिस्तान का बॉर्डर का है। सर्दी के मौसम में इस जगह का तापमान -23 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंच जाता है। हांलाकि यहां रिहायशी इलाके कम हैं। 
 

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लद्दाख- हिमालय की पर्वतमाला के बीच बसे लद्दाख को अक्टूबर, 2019 में केंद्र शासित प्रदेश के रूप में नई पहचान मिली। ये जगह करीब 2,70,000 लोग तिब्बती संस्कृति को मानते हैं। जनवरी के मौसम में यहां का औसत तापमान लगभग -12 डिग्री सेल्सियस रहता है। जबकि उच्चतम तापमान -2 डिग्री तक ही जा पाता है। सर्दियों में भारी स्नो फॉल और -35 डिग्री टेंपरेचर किसी के लिए भी मुसीबत बन जाता है।
 

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सेला पास- धरती का ये बर्फीला स्वर्ग 'आइसबॉक्स ऑफ इंडिया' के नाम से मशहूर है। समुद्र तल से करीब 4,400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सेला पास करीब-करीब पूरे साल बर्फ की एक पलती सी चादर ओढ़े रहता है। सालभर ये पर्वतमाला ठंडी हवाओं और हिमस्खलन से टकराती हैं। इस जगह का तापमान करीब -15 डिग्री तक चला जाता है।

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कीलॉन्ग- हिमाचल प्रदेश का कीलॉन्ग लेह मेन रोड पर करीब 40 किलमीटर के दायर में फैला हुआ है। इस जगह का तापमान बहुत कम तो नहीं कहा जा सकता है, लेकिन -2 डिग्री तक गिर ही जाता है। 

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सोनमर्ग- सोनमर्ग गर्मियों के लिए एक बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस के रूप में फेमस है। हालांकि सर्दियों में इस जगह ठंड काफी बढ़ जाती है। सोनमर्ग का तापमान करीब -6 डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा सकता है। सोनमर्ग बर्फ से ढके कई पहाड़ों और बर्फीली झीलों से घिरा हुआ है। ये कश्मीर की उन जगहों में शुमार है, जहां पूरे साल टूरिस्ट का तांता लगा रहता है।

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मनाली- मनाली भी भारत की लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। लुभावने दृश्य और मजेदार एक्टिविटीज इस जगह की खासियत बने हुए हैं। गर्मियों के दिनों में ये जगह गर्म ही रहती है, लेकिन सर्दियां आते ही इसका तापमान -10 डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा सकता है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित मनाली नेचर से प्यार करने वालों को काफी रास आती है। 

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मुंसियारी- उत्तराखंड के पिथोरगढ़ जिले में समुद्र तल से 2,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मुंसियारी बेहद खूबसूरत जगह है। यहां का मौसम पूरे साल ठंडा और शुष्क रहता है और तापमान भी करीब -10 डिग्री सेल्सियत तक रहता है। पक्षियों की दुर्लभ प्रजाति, बर्फ से ढके पहाड़ और बर्फीली झीलें मुंसियारी की पहचान बन गई हैं।
 

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