शाहीन बाग में 26 दिन से डटी हैं महिलाएं और बच्चे; अब प्रदर्शनकारियों को इस तरह हटाएगी पुलिस
नई दिल्ली. नागरिकता कानून और NRC के खिलाफ बीते एक महीने से दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने साफ कर दिया वाहनों की आवाजाही शुरू करने और प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए किसी तरह का बल का इस्तेमाल नहीं होगा। पुलिस ने इलाके के प्रमुख लोगों और प्रदर्शन के अहम चेहरों से बातचीत कर रास्ता निकालने का काम शुरू कर दिया है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के संपर्क में कई धार्मिक नेता हैं। इन्हीं के सहारे से शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाया जाएगा। इस प्रदर्शन की वजह से दिल्ली से नोएडा जाने वाला रास्ता जाम है।
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। अदालत ने प्रशासन को कानून के मुताबिक काम करने को कहा है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से कहा है कि वह बड़ी पिक्चर देखे और आम लोगों के हित में काम करें। हालांकि, कोर्ट ने अपने आदेश में शाहीन बाग पर जारी धरने को खत्म करने की बात साफ तौर पर नहीं की है।
अदालत में जब इस मामले की सुनवाई हुई तो दिल्ली सरकार की ओर से पक्ष रखा गया कि वह इस मामले में पक्षकार नहीं है और दिल्ली की कानून व्यवस्था उनके हाथ में नहीं हैं।
हालांकि, हाईकोर्ट केंद्र-पुलिस को इसमें एक्शन लेने को कह दिया है। अदालत की ओर से ना तो प्रदर्शन खत्म करने का आदेश दिया गया है और ना ही सड़क को तुरंत खोलने का आदेश दिया गया है।
26 दिन से महिलाएं और बच्चे कर रहे हैं प्रदर्शनदिल्ली के शाहीन बाग इलाके में जामिया हिंसा मामले के बाद से लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। कड़ाके की सर्दी और बारिश के मौसम में भी प्रदर्शनकारी सड़क पर डटे हुए हैं।
शाहीन बाग में यह धरना 24 घंटे चालू रहता है। धरने में बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। सड़क पर ही सभी का खाना-पीना और चाय-पानी चलता रहता है। छोटे बच्चों को गर्म दूध पीने के लिए दिया जाता है।