कई लोग ISO और ISI को एक समझ लेते हैं, लेकिन ये अलग हैं। ISI मार्क सिर्फ प्रोडक्ट्स की क्वालिटी का भरोसा दिलाता है। इसका पूरा नाम है- इंडियन स्टैंडर्ड्स इंस्टीट्यूशन। यह संस्था 1955 में बनी थी। हालांकि 1987 में इसका नाम बदला। अब इसे ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) या भारतीय मानक ब्यूरो कहा जाता है। इलेक्ट्रिक आइटम्स जैसी चीजों पर ISI मार्क लगाना अनिवार्य है, क्योंकि इनकी खराब गुणवत्ता जीवन को खतरे में डाल सकती है। ISO किसी कंपनी द्वारा उसके प्रोडक्ट को बनाने औ फिर उसकी सर्विसेज देने की प्रक्रिया को सर्टिफाई करता है। यानी प्रोडक्ट को बनाते समय सेफ्टी आदि का ध्यान रखा गया या नहीं। बाद में कंपनी कस्टमर्स को सर्विस दे पा रही है या नहीं।