फटे जींस पर पॉलिटिक्स: बुराइयों के खिलाफ जनआक्रोश पैदा करने पहनी गई थी फटी जींस, जानिए पूरी कहानी..

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने महिलाओं के पहनावे पर टिप्पणी करके एक नई राजनीति को जन्म दिया है। बता दें कि हाल में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने रावत ने कहा था कि फटी जींस पहन रहीं महिलाएं, ये कैसे संस्कार? इस बयान को लेकर विरोधी पार्टियां उनकी आलोचना कर रही हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि फटी जींस का प्रचलन कब और कैसे दुनिया में सामने आया? फटी जींस आज सिर्फ हाईक्लास सोसायटी के फैशन का हिस्साभर नहीं है, यह 1970 के दशक में पारंपरिक सामाजिक रूढ़ियों के खिलाफ विरोध का एक जरिया थी। आइए जानते हैं फटी जींस की कहानी और मौजूदा विवाद पर कमेंट्स...

Asianet News Hindi | Published : Mar 18, 2021 6:07 AM IST / Updated: Mar 18 2021, 11:59 AM IST

15
फटे जींस पर पॉलिटिक्स: बुराइयों के खिलाफ जनआक्रोश पैदा करने पहनी गई थी फटी जींस, जानिए पूरी कहानी..

दुनिया में पहली जींस 1870 में सामने आई थी। फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों के लिए ऐसे पैंट की जरूरत थी, जो आसानी से न फटे। लिहाजा लोब स्ट्राइस ने सबसे पहले नीले डाई की पहली जींस निकाली। बाद में लेवाइस भी मैदान मे उतर आई।
 

25

लेकिन 1970 से पहले तक सिर्फ गरीब लोग ही फटी जींस पहनते थे, क्योंकि वे नई नहीं खरीद सकते थे। 1977 में पंक बैंड का चलन तेजी से बढ़ा था। पंक रॉक एक संगीत शैली है। इसमें तेज-तर्रार छोटे-छोटे गीतों को इस्तेमाल किया गया। इसका मकसद राजनीतिक, सामाजिक और जीव-जंतुओं के हितों को उठाना था। इस बैंड के लोग फटा जींस पहनते थे। 

35

यानी फटा जींस विरोध का एक जरिया था। इसके बाद रॉकस्टार बैंड जैसे-बीटल्स, रैमोन्स, सेक्स पिस्टल आदि ने इसे दुनियाभर में मशहूर कर दिया। आज फटा जींस हाईक्लास सोसायटी का स्टेटस सिंबल बन चुकी है।

45

2010 में फटी जींस का फैशन फिर लौट आया था। फटी जींस को दो तरह से बनाया जाता है। पहला लेजर से और दूसरा हाथ से फाड़कर। जो महंगे ब्रांड होते हैं, वे पहले छेद के लिए चॉक से डिजाइन बनाते हैं और फिर उसे कारीगर हाथों से काटते हैं। अब जानते हैं फटी जींस से उपजा विवाद...

55

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ट़्वीटर पर लिखा कि उत्तराखंड के सीएम कहते हैं, जब नीचे देखा, तो गम बूट और ऊपर देखा तो...एनजीओ चलाती हो और घुटने फटे दिखते हैं। सीएम साब, आपको देखो तो ऊपर-नीचे-आगे-पीछे हमें सिर्फ बेशर्म-बेहूदा आदमी दिखता है।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos