काेलकाता. पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट के जिस बोगतई गांव में सोमवार रात हिंसा(West Bengal Political Violence) हुई थी, वो आज से नहीं; वामपंथ के समय से कुख्यात रहा है। यहां हर गैरकानूनी धंधे होते रहे हैं। जिस TMC नेता की भादु शेख की हत्या को लेकर 8 लोगों को जिंदा जला दिया गया, कहा जा रहा है कि गैरकानूनी धंधों को उसका भी संरक्षण मिला हुआ था। बीरभूम हिंसा ने सरकार और कानून व्यवस्था की भी सच्चाई सामने ला दी है। घटना के बाद से गांव में तनाव है। लोग बहुत डरे हुए हैं। वे कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं कि जब उपद्रवी घर जला रहे थे, तब पुलिस क्यों नहीं पहुंची? पुलिस को लाशें गठरी में बांधकर ले जानी पड़ीं। बताया जाता है कि करीब 100 बाइकर्स गांव में घुसे और घंटों तांडव करते रहे। इधर, गांव में दहशत के चलते पलायन होने लगा है। पढ़िए बोगतई गांव की कहानी...