'गांव में पुलिस आई तो होगा खूनखराबा...' दबिश से पहले ही विकास दुबे ने दी थी पुलिस को धमकी

कानपुर. कानपुर हत्याकांड का मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना वाले राहुल तिवारी ने खुलासा किया है कि उसने पुलिस के आने से पहले ही चेतावनी दी थी। विकास ने धमकी दी थी कि अगर गांव में पुलिस आएगी तो बहुत खूनखराबा होगा। राहुल ये भी बताया कि वो अब खुलकर सामने क्यों आए? दरअसल, उन्होंने कहा कि विकास के डर की वजह से वो अंडरग्राउंड हो गए थे। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 16, 2020 4:58 AM IST

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'गांव में पुलिस आई तो होगा खूनखराबा...' दबिश से पहले ही विकास दुबे ने दी थी पुलिस को धमकी

राहुल ने बताया कि जब उन्होंने विकास दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, तो पुलिस कोई ऐक्शन लेने की बजाय उन्हें विकास दुबे के पास लेकर गई थी। इसके बाद विकास ने उन्हें बुरी तरह से पीटा था। उन्होंने बताया कि गैंगस्टर ने जब अपनी राइफल का बैरल उनकी छाती पर रखा था और ट्रिगर दबाने वाला था, तभी एसएचओ चौबेपुर विनय तिवारी ने उसे रोक दिया। एसएचओ ने राहुल का जनेऊ हाथ में लेकर विकास से निवेदन किया कि पंडितों पर कलंक लग जाएगा कि घर बुलाकर मार दिया।'

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राहुल ने आगे बताया कि इसके बाद गैंगस्टर ने उससे और एसएचओ से गंगाजल पीने को कहा था और दोनों को ही कसम दिलाई कि उसके खिलाफ इस मामले में कोई ऐक्शन नहीं लिया जाएगा। विकास ने धमकी दी थी कि अगर पुलिस गांव में आई तो बहुत खून-खराबा हो जाएगा।

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राहुल बिकरू गांव के पास ही जादेपुर निवादा गांव के निवासी हैं। दरअसल, राहुल का विकास दुबे के साथ विवागद तब शुरू हुआ जब वह ससुराल पक्ष के लोगों से खेती की जमीन को लेकर विवाद सुलझाने की कोशिश में लगे थे। प्रस्तावित जमीन को राहुल बेचना चाहते थे लेकिन उनकी साली (पत्नी की बहन) इसका विरोध कर रही थी। उसने विकास से राहुल को रोकने के लिए गुहार लगाई थी, जिसके बाद गैंगस्टर ने राहुल को सार्वजनिक से रूप से पीटा था। 1 जुलाई की इस घटना के बाद राहुल ने चौबेपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।

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एफआईआर दर्ज करने की बजाय चौबेपुर एसएचओ विनय तिवारी 2 जुलाई की दोपहर राहुल को विकास दुबे के घर ले गए, जहां विकास ने राहुल की फिर पिटाई की थी। एसएचओ तिवारी ने किसी तरह से विकास को शांत किया। इस कोशिश में एसएचओ को भी चोट आई थी। इसके बाद डिप्टी एसपी और बिल्हौल इलाके के सर्किल ऑफिसर देवेंद्र मिश्र के हस्तक्षेप से मामले में विकास के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। 

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देवेंद्र मिश्र ने वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। सीओ ने विकास के घर छापेमारी के लिए तीन थानों के 25 पुलिसकर्मियों की एक टीम तैयार की। उन्हें नहीं पता था कि गैंगस्टर और उसके बदमाश गुर्गे वहां घात लगाकर बैठे हैं। 

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पुलिस की रेड के दौरान गैंगस्टर से मुठभेड़ में 8 पुलिकर्मियों की मौत हो गई। मामले में पुलिस ने त्वरित ऐक्शन लिया और वारदात में शामिल विकास दुबे समेत 6 आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया। 4 को गिरफ्तार किया गया है जबकि 11 अभी फरार हैं।

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