स्पोर्ट्स डेस्क : कहते हैं एक खिलाड़ी की जिंदगी संघर्षों से भरी हुई रहती है। यह उस खिलाड़ी की मेहनत ही होती है जो उसे ओलंपिक खेलों तक ले जाती है। कई बार हमें अपनी मेहनत का फल मिलता है तो कई बार निराशा हाथ लगती है, लेकिन एक एथलीट की जिंदगी कितनी मुश्किलों से भरी होती है इसका अंदाजा लगा पाना भी शायद आम इंसान के बस की बात नहीं है। सालों की कड़ी मेहनत अपनों से दूर रहना और ना जाने क्या कुछ एक एथलीट को ओलंपिक के मंच तक पहुंचने के लिए बहुत कुछ त्यागना पड़ता है। कुछ ऐसे ही त्याग की भावना भारतीय शटलर पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने दिखाई है। रियो ओलंपिक 2016 में सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने इतिहास रचा लेकिन इस बार टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में वह अपने सिल्वर को गोल्ड में तब्दील करना चाहती हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं कि सिंधु ने कितने संघर्ष और त्याग के साथ अपने जीवन को सफल बनाया...