नानी हमें माफ करना..आपकी अर्थी को कंधा नहीं दे सका..लेकिन अभी मैं ड्यूटी पर हूं
राजकोट, गुजरात. कोरोना संक्रमण ने रिश्तों पर भी असर डाला है। लेकिन जो लोग कोरोना संक्रमण से फील्ड में लड़ाई लड़ रहे हैं, वे अपने आंसू पीकर..हंसते-मुस्कराते ड्यूटी कर रहे हैं। इनका यही कहना है कि अभी देश को..लोगों को उनकी जरूरत है। उनके दर्द से बड़ी अभी लोगों की तकलीफ है। अगर वे अभी ठीक से अपना फर्ज नहीं निभा सके..तो खुद की नजरों से गिर जाएंगे। यह कहानी भी एक ऐसे ही पुलिस अफसर की है, जो अपनी नानी की अंत्येष्टि में शामिल नहीं हो सका। ड्यूटी के दौरान जब उसे नानी के निधन की खबर मिली, तो उसकी आंखें छलछला पड़ीं। यह हैं गोंडल-राजकोट नेशनल हाईवे पर शॉपर-वेराल औद्योगिक क्षेत्र की पुलिस चौकी के पीएसआई एन वी हरियाणी। इनकी नानी देवकुंवर बा गोविंद राम जी दूधरेजिया का निधन हो गया। वे 102 साल की थीं। ड्यूटी के चलते हरियाणवी अपनी नानी का आखिरी बार चेहरा भी नहीं देख सके। उन्होंने कहा कि जब ड्यूटी पूरी होगी, वे नानी की समाधि पर जाकर माफी मांग लेंगे।(अपनी नानी के साथ PSI)
PSI हरियाणवी की अपनी नानी से दो दिन पहले ही फोन पर बात हुई थी। उन्होंने आशीर्वाद देते हुए कहा था कि इस कठिन समय में अपनी ड्यूटी अच्छे से निभाना और अपने परिवार का भी ख्याल रखना। PSI ने कहा कि जब सबकुछ सामान्य हो जाएगा, तो वो नानी की समाधि पर जाकर माफी मांग लेगा।
यह तस्वीर नई दिल्ली की है। माथा पकड़कर बैठे इस बुजुर्ग की चिंता समझी जा सकती है। रो वक्त की रोटी के लिए गरीबों को कितनी दिक्कत हो रही है।
यह तस्वीर जालंधर की है। पुलिस और हेल्थ टीम का सहयोग करें, जो अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद कर रही है।
यह तस्वीर पटना की है। उठक-बैठक की सजा तो महज 2-3 मिनट की है, लेकिन कोरोना संक्रमण हो गया, तो जिंदगी खतरे में पड़ सकती है।
हेल्थ टीम को सलाम, जो अपनी फिक्र छोड़कर आपकी चिंता कर रही है।
यह तस्वीर नई दिल्ली की है। मास्क लगाए बैठे इस मजदूर को मालूम कि जिंदगी की कीमत क्या होती है।
यह तस्वीर नई दिल्ली की है। जो पुलिस अपनी जान हथेली पर लेकर ड्यूटी कर रही है, उसका सहयोग करना हमारा फर्ज है। बहस न करें।
यह शॉकिंग तस्वीर नई दिल्ली है। लॉक डाउन के बीच स्मोक करते इन लोगों को नहीं मालूम कि वे कितने लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं।